रोहित कुमार,मैक्लुस्कीगंज. भगवान शिव का प्रिय महीना सावन को लेकर शिव मंदिर सज गये हैं. शुक्रवार व सोमवार की सुबह सूर्योदय के साथ ही मंदिरों में महादेव का जलाभिषेक शुरू हो जायेगा. शिवालयों में श्रद्धालुओं और कांवड़ियों के लिए अलग – अलग व्यवस्था की गई है. सावनोत्सव को लेकर विख्यात खलारी पहाड़ी मंदिर व मैक्लुस्कीगंज के हेसालौंग स्थित दामोदरनाथ शिव मंदिर का आकर्षक रंग रोगन किया गया है, क्षेत्र के अन्य सभी मंदिरों को भव्य लाइटों व फूलों से सजाया गया है.
क्षेत्र के कुछ विशेष मान्यता वाले शिवालयों में लगता है तांता
मैक्लुस्कीगंज व खलारी के सुप्रसिद्ध व ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर, लपरा शिव मंदिर, हेसालौंग दामोदरनाथ मंदिर, वन कार्यालय स्थित शिव मंदिर, जोभिया स्थित शिव मंदिर, निंद्रा शिव मंदिर, नौ नंबर स्थित शिव मंदिर, चीनाटांड़ पहाड़ी पर स्थित कलुआ पहाड़ी बाबा, नकटा पहाड़ व गुलमोहर शिवालय खास हैं. पूरे महीना जलाभिषेक के लिए भक्तों का लगता है तांता. वहीं सोमवार को श्रद्धालुओं में रहता है विशेष उत्साह, बाबा के दर्शन को कावड़ियों की उमड़ती है भीड़.जलाभिषेक के लिए व्यवस्था
सावन के एक दिन पहले ही मंदिरों में जलाभिषेक के लिए व्यवस्था की गयी है. मंदिरों में कांवड़ियों के जलाभिषेक के लिए महिलाओं व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग से लाइनें बनायी जाती है. वहीं अन्य श्रद्धालुओं के लिए अलग व्यवस्था की गयी है.मंदिरों के बाहर सजने लगीं दुकानें
शिवालयों के बाहर दुकानें सज गयी हैं. भगवान शिव की पूजा की पूरी सामग्री रखी जाती है. सावन शिवरात्रि पूजा की सामग्री गाय का कच्चा दूध, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान, बेलपत्र, धतूरा, भांग, जौ की बालियां, पुष्प, पंच फल, रत्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिवजी और मां पार्वती की शृंगार की सामग्री बखूबी सजायी जाती है. नावाडीह के पुरोहित श्री लोकनाथ पांडेय ने कहा सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. उन्होंने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन शिवरात्रि के दिन सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ और मां गौरी की पूजा और व्रत करने से वैवाहिक जीवन की समस्त समस्याएं खत्म हो जाती हैं. पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत रहता है. पति की लंबी आयु की कामना लिए महिलाएं यह व्रत रखती हैं. वहीं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं भी सावन में व्रत करती हैं. सावन की शिवरात्रि पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है