रांची. राज्य के अंगीभूत डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद करने के मामले में राज्य सरकार रास्ता निकालने में जुटी है. सोमवार को इस मामले में बनी मंत्रियों की तीन सदस्यीय कमेटी ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य सोनू, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय ने विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य के हजारों छात्रों का शैक्षणिक भविष्य सुरक्षित हो.
प्लस-टू विद्यालय में नामांकन की व्यवस्था हो
मंत्रियों ने कहा कि इन कॉलेजों में पढ़नेवाले छात्रों का नामांकन प्लस-टू विद्यालय में कराने की व्यवस्था की जाये. इसके साथ ही इन कॉलेज में काम करनेवाले कर्मी और शिक्षकों को कैसे दूसरे कॉलेजों में एडजस्ट किया जाये, इस पर विचार किया जायेगा. विभागीय अधिकारियों को उच्च स्तरीय कमेटी ने निर्देश दिया है कि इसको लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया जाये. झारखंड को नयी शिक्षा नीति के तहत लागू किये गये नियमों से कुछ वर्षों की छूट कैसे मिल सकती है इसका रास्ता निकालने का निर्देश अफसरों को दिया गया. कमेटी का मानना है कि झारखंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि तुरंत नया ढांचा खड़ा करना मुश्किल है. इस मामले में राज्य सरकार विधि-विभाग से राय लेगी. इसको लेकर केंद्र सरकार को भी प्रस्ताव भेजा जायेगा.
राज्य के 42 अंगीभूत कॉलेजों से
जुड़े30 हजार छात्रों का है मामला
राज्य में 42 अंगीभूत डिग्री कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई हो रही है. नयी शिक्षा नीति में डिग्री कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई को अलग करने का निर्देश है. आंकड़ों अनुसार इन कॉलेजों में 30 हजार से ज्यादा छात्र इंटर में पढ़ाई कर रहे हैं. इन छात्रों के लिए सरकार को अलग से व्यवस्था करनी होगी. इसके साथ ही राज्य के इन अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई से जुड़े एक हजार से ज्यादा कर्मी हैं. इन कर्मियों को एडजस्ट करने के लिए भी राज्य सरकार को काम करना होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है