धर्मेंद्र गिरि, हटिया.
झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे चल रहा है. जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाल खटंगा नया भुसूर जहां हर दिन काफी संख्या में ग्रामीण इलाज कराने आते हैं, लेकिन चिकित्सक नहीं हैं. पीएचसी सिर्फ नर्सों के भरोसे चल रहा है. मरीजों का इलाज नर्स ही करती हैं और दवा भी देती हैं. हालांकि राज्य सरकार दावा करती है कि प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. डॉक्टर समय पर जाकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.चार नर्स चला रही हैं पीएचसी :
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नया भुसूर में चार नर्स नीलम सरिता तिर्की, दीप्ति सोरेन, अंजलि खाखा और रश्मि तिर्की पदस्थापित हैं. नर्सों ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र का हाल यह है कि पीने का पानी तक नहीं है. अगर कोई इलाज कराने के लिए स्वास्थ्य केंद्र आता है तो उसे बाहर से अपने साथ पानी लेकर आना पड़ता है. कार्यरत लोग भी बाहर से पानी लेकर आते हैं. केंद्र में बाथरूम की व्यवस्था के लिए टैंकर से पानी मंगाया जाता है, जबकि यहां नर्सें स्थाई रूप से प्रतिनियुक्त हैं. नर्सों की ड्यूटी 24 घंटा है.सप्ताह में दो दिन आते हैं डॉक्टर :
नर्सों ने बताया कि सप्ताह में सिर्फ दो दिन मंगल और शनिवार को केंद्र में डॉक्टर आते हैं. नामकुम से डॉ जयप्रभा और डॉ फूलवंती यहां आकर सेवा देती हैं. उसके बाद शेष पांच दिन नर्सों के भरोसे ही यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चलता है.सड़ रहे करोड़ों के वाहन :
स्वास्थ्य केंद्र परिसर में चार चलंत चिकित्सा वाहन पड़े हुए हैं. इन चलंत चिकित्सा वाहनों की स्थिति बदतर हो गयी है. अब ये किसी काम के नहीं हैं. सरकार के करोड़ों के वाहन बेकार पड़े-पड़े सड़ रहे हैं. परिसर व चलंत वाहन में घास उग आये हैं.प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाल खटंगा का हाल बेहाल
सप्ताह में सिर्फ दो दिन ही आते हैं डॉक्टर, पांच दिन नर्स करती हैं मरीजों का इलाज
करोड़ों के चलंत चिकित्सा वाहन में उग आये हैं घास, अब किसी काम के नहींB
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