कोर्ट से रिलीज ऑर्डर आने के बाद ट्रक को रिलीज किया गया : थाना प्रभारी
सीआइएसएफ ने पकड़ा था स्क्रैप की आड़ में कीमती पार्ट्स लोड करने मामलासीएमडी ने सलाहकार समिति की बैठक में बड़ी कार्रवाई की बात कही थी
डकरा. पिछले वर्ष 26 दिसंबर को केडीएच परियोजना के कांटा घर में स्क्रैप वजन करते समय वजन को रिमोट से कंट्रोल करने के आरोप में रंगे हाथों पकड़े गये ट्रक को भी गुरुवार को छोड़ दिया गया है. इस संबंध में थाना प्रभारी जयदीप टोप्पो ने बताया कि कोर्ट से रिलीज ऑर्डर आने के बाद ट्रक को रिलीज किया गया है. ट्रक में लदे स्क्रैप को खाली करा कर मालिक उसे थाना से ले जाने की प्रक्रिया में लगे हुए थे. बताते चले इसके पहले 14 दिसंबर को रोहिणी वर्कशाॅप से स्क्रैप की आड़ में कीमती पार्ट्स लोड कर लेने के मामले को सीआइएसएफ ने पकड़ा था और कई तरह की नाटकीय घटनाक्रम के बाद जब ट्रक खाली कराया गया तो चोरी पकड़ी गयी थी, तब सीसीएल के सुरक्षा विभाग ने कहा कि थाना में मामला हमलोग दर्ज करायेंगे. जांच में तीन लाख दस हजार के पार्ट्स चोरी का प्रयास सामने आया था, लेकिन सुरक्षा विभाग ने एफआईआर में पहले तीस हजार का पार्ट्स लिखा. प्रभात खबर में खबर छपी तो कहा गया कि गलती से एक शून्य छूट गया था. बाद में वह ट्रक भी छूट गया और अब खलारी थाना से आज जेएच 01 एफक्यू 4255 भी छूट गया. इस मामले में सबसे गौर करने वाली बात यह है कि सात महीने में एक बार भी पुलिस उन सीआईएसएफ जवानों से कोई पूछताछ नहीं की, जिन्होंने ट्रक पकड़ा था. मौका-ए-वारदात का सीसीटीवी फुटेज, जब्त रिमोट जिससे वजन कंट्रोल किया जा रहा था, उपलब्ध कराया. साथ ही तीन लोगों की तस्वीर दी गई जो सबकुछ कर रहे थे. जब्त डिजिटाइजर को जांच के लिए पुलिस ने किस लैब में भेजा है, यह भी नहीं पता चला और न ही रिपोर्ट सामने आयी. इस पूरे मामले में अगर कुछ हुआ, तो पूरी गड़बड़ी का लाभार्थी स्क्रैप उठाने वाली कंपनी राज मधु को जितनी भी राहत पहुंचायी जा सकती थी, वह हुआ है. पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों को न्यायालय ने जमानत दे दी है. ज्ञात हो कि इस घटना के बाद सीएमडी ने सीसीएल सलाहकार समिति की बैठक में बड़ी कार्रवाई की बात कही थी. 27 दिसंबर को जीएम इलेक्ट्रॉनिक एसके सिंह ने माप-तौल विभाग और एएमसी कंपनी पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की बात कही थी, माप-तौल विभाग की इंस्पेक्टर संगीता बाड़ा ने सीसीएल के संबंधित अधिकारियों पर मिलीभगत कर गड़बड़ी का लिखित आरोप लगाते हुए कार्रवाई की बात कही थी, पुलिस ने लैब रिपोर्ट के आधार कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन आश्चर्य जनक रुप से सात महीने में कहीं कुछ नहीं हुआ जिसका लाभ न्यायालय में स्क्रैप उठाने वाली कंपनी को मिला और आज मामले का रफा-दफा हो गया है. सीआइएसएफ ने बताया कि ट्रक को छोड़ने संबंधित जानकारी हमलोगों को नहीं दी गयी है.पूरा वाक्या हतप्रभ करने वाला है : कमलेश
27 दिसंबर को सीसीएल सलाहकार समिति की बैठक में इस मामले को उठाने वाले समिति सदस्य कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि पूरा वाक्या हतप्रभ करनेवाला है. इस घटना से हमलोग सोच में पड़ गये हैं कि आखिर स्क्रैप उठानेवाली कंपनी ने ऐसा क्या जादू किया कि कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हुई. कहा कि इस मुद्दे पर पुनः बात करने के बाद अगला कदम उठाया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है