रांची. शराब घोटाला केस में मार्शन कंपनी के निजी प्रतिनिधि नीरज सिंह से एसीबी ने रिमांड में पूछताछ की. पूछताछ में उसने कई नये खुलासे किये हैं. नीरज ने एसीबी को बताया है कि मैनपावर सप्लाई कंपनी द्वारा शराब की खुदरा बिक्री के एवज में हर ग्राहक से अतिरिक्त राशि वसूली जाती थी और इस बारे में अफसरों को भी जानकारी होती है. इस अवैध राशि का बंटवारा अफसरों के बीच भी होता था. इस कारण अवैध वसूली का कारोबार पूरे संगठित तरीके से चलाया जा रहा था. इसके अलावा नीरज सिंह ने पूछताछ में कई अन्य खुलासे किये हैं. जिसके बारे में एसीबी के अधिकारी सत्यापन कर रहे हैं. हालांकि एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बिक्री से कुल कितने की अवैध वसूली हुई थी, अभी तक इसका खुलासा नीरज सिंह ने नहीं किया है. एसीबी के अधिकारी इसका पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं. इधर जांच के क्रम में बुधवार को एसीबी की टीम उत्पाद विभाग भी पहुंची और मामले में कुछ बिंदु पर जानकारी हासिल की है.
एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेची जाती थी शराब
घोटाला के मामले में पूर्व में नीरज सिंह को एसीबी की टीम ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. कुछ दिन पूर्व उसे पूछताछ के लिए एसीबी ने दो दिनों की रिमांड पर लिया था. एसीबी की जांच में यह तथ्य सामने आ चुका है कि खुदरा दुकानों में एमआरपी से अधिक मूल्य पर शराब बेची जाती थी. इसका पैसा तत्कालीन उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश अपने एजेंट से प्राप्त करते थे. करीब 70 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में अमित प्रकाश की भूमिका सामने आने पर एसीबी उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है. अब एसीबी के अधिकारी अन्य अधिकारियों की संलिप्तता के बिंदु पर जांच कर रहे हैं.
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