रांची. बाल कल्याण संघ के तत्वावधान में बुधवार को ””””निजी नियोजन अभिकरण एवं घरेलू कामगार विनियमन 2016”””” पर चर्चा का आयोजन हुआ. इस चर्चा में झारखंड सरकार के ज्वाइंट लेबर कमिश्नर प्रदीप लकड़ा ने विस्तार से अधिनियम के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 2016 में जब राज्य सरकार द्वारा इस अधिनियम का ड्राफ्ट तैयार किया गया था, तो उसके बाद से इसमें कई संशोधन किये गये हैं. फिलहाल यह अधिनियम मंत्रिमंडल की स्वीकृति के इंतजार में है. इसके लागू होने से घरेलू कामगारों की स्थिति में सुधार होगा. प्लेसमेंट एजेंसियों पर भी अंकुश लग सकेगा.
अधिकार सुरक्षित करेगा नया विधेयक
बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्रा ने कहा कि झारखंड के घरेलू कामगारों को अब असुरक्षित परिस्थिति में काम करने या पलायन के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा. यह नया विधेयक सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि यह लाखों श्रमिकों के अधिकार, गरिमा और सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करेगा, जिसकी वह प्रतीक्षा कर रहे थे. संजय मिश्रा ने कहा कि सरकारी और गैर-सरकारी आंकड़ों के अनुसार झारखंड में लगभग 10 लाख घरेलू कामगार कार्यरत हैं. साइबर पीस फाउंडेशन की शुभांगी ने कहा कि मानव तस्करी राज्य के लिए एक गंभीर समस्या है. कार्यक्रम को प्रशांत कर्ण सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया.
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