रांची. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए) ने शुक्रवार को अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया. क्षेत्रीय कार्यालय, रांची एवं डीएसपीएमयू जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में डीएसपीएमयू सभागार में समारोह का आयोजन किया गया. इसमें डीएसपीएमयू के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने भारतीय ज्ञान परंपरा की गहरी जड़ों और समृद्ध विरासत को रेखांकित किया. उन्होंने इसे प्राचीन होने के साथ-साथ आज भी प्रासंगिक बताया. कुलपति ने कहा कि नयी शिक्षा नीति (एनइपी) में भारतीय मूल्यों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली में शामिल करने पर जोर दिया गया है. यह नीति शिक्षा को समग्र व प्रभावी बनायेगी. साथ ही विद्यार्थियों में सांस्कृतिक गौरव व आत्मनिर्भरता विकसित करेगी.
केंद्र के उद्देश्यों के बारे में बताया
भारतीय संग्रहालय संघ के अध्यक्ष डॉ आनंद बर्द्धन ने कहा कि भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक विरासत ने विश्व को शिक्षित और प्रेरित किया है. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, रांची के क्षेत्रीय निदेशक डॉ कुमार संजय झा ने केंद्र के उद्देश्यों के बारे में बताया. संचालन संत जेवियर्स कॉलेज के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ कमल बोस ने किया. स्वागत डीएसपीएमयू जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के समन्वयक डॉ बिनोद कुमार ने किया.पुस्तक का किया गया विमोचन
मौके पर प्रो सच्चिदानंद जोशी और डॉ कुमार संजय झा द्वारा लिखित पुस्तक जनजाति देवलोक एवं धार्मिक परंपरा तथा कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु के साहित्यिक अवदान, उनके समय और समाज पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन किया गया. इसके अलावा उज्ज्वल घोष और डॉ बच्चन कुमार की पुस्तक, बीएन सरस्वती की लिखित पुस्तक का विमोचन किया गया. डॉ कुमार संजय झा और सुमेधा सेनगुप्ता की पुस्तक का विमोचन किया गया. मौके पर हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका डॉ सुभद्रा देसाई व उनकी टीम ने संगीत की प्रस्तुति दी. मौके पर कई शिक्षक, शोधकर्ता, कलाकार, विद्यार्थी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.
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