फोटो 28 डकरा 01 ट्रक से स्क्रैप उतारते हुए लोग
फोटो 28 डकरा 02 थाना में जहां स्क्रैप रखा गया हैडकरा. स्क्रैप हेराफेरी करने के आरोप में पकड़े गये ट्रक जेएच 01 एफक्यू 4255 को 24 जुलाई को न्यायालय के आदेश पर खलारी पुलिस ने रिलीज कर दिया था. ट्रक रिलीज करने के पूर्व उसमें लदा स्क्रैप को खाली कराया गया था. सूत्र ने बताया है कि ट्रक से जो स्क्रैप खाली हुआ है, उसमें दो ट्रैक्टर स्क्रैप पास के जी टाइप स्थित एक कबाड़खाना में बेच दिया गया है. थाना परिसर से हुई इस कथित चोरी को लेकर इस मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. मई 2024 से एनके एरिया के विभिन्न परियोजनाओं से स्क्रैप उठाव का काम शुरू किया गया, तभी से लगभग एक दर्जन ऐसी चर्चित घटना हुई है, जिससे प्रतीत होता है कि स्क्रैप उठाने वाली कंपनी ने व्यवस्था में शामिल सीसीएल प्रबंधन, विजिलेंस, प्रशासन सहित अन्य संबंधित सभी विभाग के लोगों से अपने अनुसार काम कराया है. इस पूरे घटनाक्रम में सीसीएल को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचा है. बावजूद आज तक सीसीएल ने किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है. दिसंबर को केडीएच कांटा घर का वजन रिमोट से कंट्रोल करने के मामले में सीआइएसएफ द्वारा रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद 27 दिसंबर को ट्रक खलारी पुलिस को सौंप दिया गया था. दर्ज प्राथमिकी के समय कांटा घर का सीसीटीवी फुटेज, वजन कंट्रोल करने वाला रिमोट, मौके पर मौजूद तीन आरोपियों की तस्वीर, जिनसे रिमोट जब्त किया गया है, वह पुलिस को सौंपा गया था, लेकिन डिजिटाइजर और रिमोट को जांच के लिए ओड़िशा के किसी लैब में भेजने की बात कह कर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसका लाभ स्क्रैप कंपनी राज मधु को न्यायालय में मिला और ट्रक रिलीज करने का आदेश आ गया. 24 जुलाई को जब ट्रक न्यायालय के आदेश पर थाना से रिलीज किया गया, तो लगा कि मामले का पूरी तरह से पटाक्षेप कर रफा-दफा कर दिया गया, लेकिन थाना परिसर में हुई घटना ने एक साथ कई सवाल खड़े कर दिये हैं और स्पष्ट हो गया कि अंतिम समय में भी स्क्रैप कारोबारी ने अंतिम चाल चल दिया. जानकारी अनुसार ट्रैक्टर जेएच 01एफपी 6443 खलारी के अमृत यादव का है, उसे स्क्रैप कारोबारी ने हायर किया था. पूरे सुनियोजित तरीके से इसे अनलोड करने का समय दोपहर चुना गया और मात्र एक ट्रैक्टर को इसमें लगाया गया, ताकि अंधेरा होते ही अपनी योजना अन्तर्गत काम को अंजाम दिया जा सके. कबाड़ी वाले से सब कुछ तय था और अंधेरा होते ही काम को अंजाम दे दिया गया.
थाना का सीसीटीवी कैमरा नहीं है
थाना के बाहर एक सीसीटीवी कैमरा लगा था, जो पिछले दिनों आंधी में उड़ गया था. तब से थाने के बाहर की गतिविधियां नहीं देखी जा सकती है यह स्क्रैप वाले को जानकारी थी.30 टन से अधिक स्क्रैप लदा था
26 दिसंबर को बरामदगी के दिन ट्रक में 42.500 टन स्क्रैप लदा था. ट्रक का वजन दस टन भी मान लिया जाये तो उसमें 32.500 टन स्क्रैप लदा था, इस हिसाब से इतना स्क्रैप पुलिस के कस्टडी में होना चाहिए. बताते चलें कि बरामदगी के दिन कांटा घर में ट्रक सहित स्क्रैप का वजन मात्र 17 टन दिखा रहा था.
दो उद्देश्य से चोरी करायी गयी
एक जानकार व्यक्ति ने बताया कि यह मामला इतना अधिक हाइलाइट हो गया है कि आज न कल कोई बड़ी स्वतंत्र जांच एजेंसी इसकी जांच कर सकती है. इससे बचाव में स्क्रैप कारोबारी ने पहले स्क्रैप बेच दिया, जिससे उन्हें इसकी कीमत मिल गयी और भविष्य में बरामद स्क्रैप का वजन होने पर सीआइएसएफ के दावे को झुठलाया जा सकेगा, क्योंकि स्क्रैप पुलिस के कब्जे में है और कारोबारी ने पहले ही सीसीएल को पत्र लिख कर सीआइएसएफ पर आरोप लगाया हुआ है. समय रहते सीसीएल प्रबंधन या सीसीएल की विजिलेंस टीम ने इसकी जांच नहीं की. अब उस समय के सीआईएसएफ कमांडेंट और जवान का तबादला हो गया है और परिस्थितियां बदल गयी हैं. बदली परिस्थिति को अब मन माफिक इस्तेमाल किया जा सकता है.स्क्रैप को थाने में रखवाया गया है
इंस्पेक्टर जयदीप टोप्पो ने बताया कि ट्रक से उतार कर स्क्रैप थाना परिसर में रखवाया गया है फिर भी आपकी सूचना पर इसकी जांच पड़ताल करायी जा रही है.
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