प्रतिनिधि, पिपरवार.
मॉनसून के आगमन के पूर्वानुमान के बावजूद अशोक परियोजना खदान की सुरक्षा को लेकर कोई विशेष व्यवस्था नहीं की जा रही है. इससे खदान संकट में पड़ सकती है. क्योंकि अभी तक खदान में बारिश के पानी को रोकने व निकासी को लेकर प्रबंधन ने कोई तैयारी नहीं की है. आमतौर पर इसी समय प्रबंधन माॅनसून को लेकर सक्रिय होता है. पर, देश के कई राज्यों में मॉनसून के दस्तक दे देने से बहुत जल्द पूरे इसके आने का पूर्वानुमान किया जा रहा है. खदान से निर्बाध कोयला उत्पादन को लेकर प्रत्येक वर्ष प्रबंधन द्वारा मॉनसून में खदान को बचाने के लिए विशेष तैयारी की जाती है. इस बार भी परियोजना सिविल विभाग को लगभग एक करोड़ का फंड आंवटित हुआ है. इसका टेंडर भी हो चुका है. लेकिन धरातल पर अभी काम शुरू नहीं हो सका है. यदि दो-तीन दिनों में मॉनसून आ जाता है तो ऐसी स्थिति में प्रबंधन के समक्ष बड़ी मुश्किलें खड़ी हो जायेगी. जानकारी के अनुसार मॉनसून की तैयारी करने में प्रबंधन को एक सप्ताह से 15 दिनों का समय लग सकता है. इस संबंध में सीसीएल मुख्यालय की टीम भी अशोक खदान का निरीक्षण करने आने वाली है. प्रोजेक्ट इंजीनियर आभाश त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार से ड्रेन सफाई का काम शुरू किया जायेगा. जरूरत के अनुसार नये ड्रेन के निर्माण के लिए मशीनों को लगाया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है