रांची. रांची स्थित गेतलसूद डैम में पानी लबालब है. स्थिति यह है कि बार-बार फाटक खोलकर पानी निकाला जा रहा है. दूसरी ओर, सिकिदिरी हाइडल पावर प्लांट जो गर्मी के मौसम में पानी की कमी के कारण नहीं चल पाता है, वह अब पानी भरपूर होने के बावजूद बंद है. वजह यह है कि प्लांट में तकनीकी खामी आ गयी है, जिसे ठीक होने में अभी कम से कम दो माह का समय लगेगा. एक नंबर यूनिट में यह खामी आयी है, जिसका रखरखाव किया जा रहा है. सिकिदिरी हाइडल की कुल क्षमता 130 मेगावाट है, जिसमें 65-65 मेगावाट की दो यूनिट शामिल हैं. यहां से उत्पादित बिजली रांची में आपूर्ति की जाती है. यह बिजली काफी सस्ती है, जिसे जेबीवीएनएल को मात्र 1.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से दिया जाता है.
लगातार छोड़ा जा रहा है पानी
गौरतलब है कि बारिश के दिनों में गेतलसूद डैम का पानी 25 फीट के ऊपर जाने के बाद सिकिदिरी हाइडल पावर प्लांट को बिजली उत्पादन के लिए पानी छोड़ा जाता है. डैम का लेवल 28.50 फीट पर पहुंच गया. पानी छोड़ा जा रहा है, जो बेकार जा रहा है.
पेनस्टॉक की जाली में खराबी
बताया गया कि प्लांट के यूनिट नंबर एक में पेनस्टॉक की जाली में खराबी आ गयी है. पेनस्टॉक एरिया उसे कहते हैं जहां पर पानी स्टोर होता है. चूंकि दोनों यूनिट सीरीज में हैं, एक जगह स्टोर पानी से सीरीज में दोनों यूनिट से बिजली उत्पादन होता है. इसलिए जब तक यह ठीक नहीं हो जाता है, तब तक बिजली उत्पादन संभव नहीं होगा.
आइआइटी रुड़की से किया गया है संपर्क
अधिकारियों ने बताया कि पेनस्टॉक में खराबी आ गयी है. आइआइटी रुड़की से संपर्क साधा गया है. इसका नया डिजाइन तैयार कर लिया गया है. बहुत जल्द ही इसे ठीक करके उत्पादन आरंभ कर दिया जायेगा.
गर्मी में नहीं करायी गयी मरम्मत
जानकार बताते हैं कि गर्मी के मौसम में जब सिकिदिरी हाइडल बंद रहता है, तो उसी समय रिपेयरिंग का काम करा लेना चाहिए था. पर नहीं कराया गया और जब बारिश शुरू हुई, तब रिपेयरिंग की प्रक्रिया शुरू की गयी है.
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