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Ranchi News : गोल पोस्ट में बेटियों की किक से बढ़ा मान

झारखंड में इन दिनों प्रखंड स्तर पर सुब्रतो कप फुटबॉल प्रतियोगिता चल रही है. इस प्रतियोगिता के माध्यम से झारखंड की बेटियां शानदार प्रदर्शन कर अपने प्रखंड और गांवों का नाम रौशन कर रही हैं.

राज्य की लड़कियों की जिंदगी में फुटबॉल का खेल लेकर आया नया बदलाव

फुटबॉल केवल लड़कों का ही खेल है इस विचार को बेटियों ने तोड़ा

फुटबॉल में झारखंड की बेटियों का जलवा, गांवों से लेकर नेशनल तक का सफर

पंजाब, तेलंगाना और बंगाल में शानदार प्रदर्शन कर बढ़ाया राज्य का मान

रांची(लता रानी). झारखंड में इन दिनों प्रखंड स्तर पर सुब्रतो कप फुटबॉल प्रतियोगिता चल रही है. इस प्रतियोगिता के माध्यम से झारखंड की बेटियां शानदार प्रदर्शन कर अपने प्रखंड और गांवों का नाम रौशन कर रही हैं. नामकुम प्रखंड के लालखटंगा पंचायत स्थित भूंसूर गांव की बच्चियां इन दिनों फुटबॉल के प्रति अपने जुनून और प्रतिबद्धता से नयी मिसाल कायम कर रही हैं. इन बालिकाओं में से आठ खिलाड़ी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, खरिदास की छात्राएं हैं, जो सुब्रतो कप में भाग लेकर नेशनल लेवल तक पहुंच चुकी हैं. ये खिलाड़ी प्रतिदिन सुबह-शाम कड़ी मेहनत कर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट कार्यक्रम के अंतर्गत चल रही इस पहल को आशा संस्था, ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन और भारत सरकार का सहयोग प्राप्त है. जबकि सीसीएल की ओर से अपने सीएसआर कार्यक्रम के तहत आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं. ग्रामीण पृष्ठभूमि और सीमित संसाधनों के बावजूद, झारखंड की बेटियों ने यह साबित कर दिया है कि यदि सही मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और अवसर मिले, तो वे किसी भी मंच पर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा सकती हैं. इन बेटियों की कहानी न केवल खेल के क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक बदलाव के एक सकारात्मक प्रतीक के रूप में उभर रही है.

400 सखी-सहेली क्लब से तैयार हो रही नयी पीढ़ी

बेटियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आशा संस्था की ओर से झारखंड के विभिन्न जिलों जैसे, रांची, खूंटी, गुमला आदि में 400 सखी सहेली क्लब संचालित किये जा रहे हैं. प्रत्येक केंद्र में 20 बालिकाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं, जो फुटबॉल के माध्यम से आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता विकसित कर रही हैं.

झारखंड की बेटियों का राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन

सब-जूनियर अंडर-14 बालिका टीम ने 2024-25 की राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप में फाइनल तक का सफर तय किया. यह प्रतियोगिता पश्चिम बंगाल के मालदा और बहरामपुर में आयोजित की गयी थी, जिसमें झारखंड ने महाराष्ट्र को 4-0 और पंजाब को 10-0 से पराजित कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. जूनियर अंडर-17 बालिका टीम ने अनंतपुर, तेलंगाना में आयोजित चैंपियनशिप में उपविजेता का खिताब अपने नाम किया. टीम ने बिहार, हिमाचल और आंध्र प्रदेश को हराया, लेकिन फाइनल में मणिपुर से 2-0 से हार का सामना करना पड़ा.

अंडर-17 टीम ने जीता उपविजेता का खिताब

झारखंड की अंडर-17 जूनियर बालिका टीम ने अनंतपुर, तेलंगाना में आयोजित नेशनल जूनियर गर्ल्स फुटबॉल चैंपियनशिप 2024-25 में उपविजेता का स्थान प्राप्त किया. इस टीम ने तीन अगस्त 2024 में बिहार को 3-0, पांच अगस्त को हिमाचल प्रदेश को 25-0 और सात अगस्त को आंध्र प्रदेश को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. 10 अगस्त को तमिलनाडु को 1-0 से हराकर फाइनल में पहुंची, जहां 20 अगस्त को मणिपुर से 2-0 से हारकर टीम को उपविजेता का स्थान मिला.

गांव की बेटियां बन रही हैं रोल मॉडल

इन बेटियों की सफलता ने गांव की अन्य बच्चियों को भी प्रेरित किया है. कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं :

बिरसमुनी धनवार :

वर्ष 2011 में हॉस्टल से करियर की शुरुआत, बाद में कोच बनीं. अंडर-14 टीम की कोचिंग कर चुकी हैं. पहले पंचायत और जिला स्तर के टूर्नामेंट में भाग लिया और धीरे-धीरे अपने खेल में निखार लाया. छत्तीसगढ़ में अंडर-17 चैंपियनशिप और फिर छत्तीसगढ़ व असम में दो बार अंडर-19 वर्ग में झारखंड का प्रतिनिधित्व किया. अपने फुटबॉल टीम को झारखंड स्तर की सुब्रतो कप प्रतियोगिता में जीत दिलायी. वर्ष 2024 में कोच की भूमिका में हॉस्टल व स्थानीय स्कूलों में बच्चों को प्रशिक्षण देना शुरू किया.

सीमा खलखो :

झारखंड टीम की खिलाड़ी और अब स्थानीय स्कूलों की प्रशिक्षक. सीमा खलखो वर्ष 2012 में हॉस्टल में शामिल हुईं. उन्होंने फुटबॉल के प्रति अपना जुनून कायम रखा और नियमित रूप से प्रशिक्षण लेना शुरू किया. गांव और जिला स्तर के टूर्नामेंटों में भाग लेकर अपने खेल में आत्मविश्वास और कौशल बढ़ाया. पंजाब में आयोजित अंडर-19 गर्ल्स फुटबॉल टूर्नामेंट में झारखंड का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. सीमा आशा फुटबॉल टीम की कोच हैं और नया भूंसूर के स्कूलों के छात्रों को भी प्रशिक्षण देती हैं.

अन्नू कुमारी :

आर्थिक चुनौतियों के बावजूद राष्ट्रीय स्कूल गेम्स में राज्य को फाइनल में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी. रांची जिले के किरका गांव की अन्नू कुमारी ने आर्थिक चुनौतियों के बावजूद अपने सपनों को साकार किया. 68वें नेशनल स्कूल गेम्स 2024-25 के लिए जम्मू-कश्मीर में झारखंड की अंडर-17 गर्ल्स फुटबॉल टीम में चुनी गयी. अन्नू ने फाइनल में हरियाणा के खिलाफ 1-0 से जीत में अहम भूमिका निभायी. जीत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से सम्मान मिला.

सुनीता कच्छप :

खूंटी की सुनीता कच्छप ने प्रशिक्षण के बाद वर्ष 2017 में आर्थिक कठिनाइयों के बीच स्थानीय टूर्नामेंट और सुब्रतो कप में भाग लिया और 2024 में अंडर-17 गर्ल्स फुटबॉल चैंपियनशिप के लिए तेलंगाना में झारखंड का प्रतिनिधित्व किया. टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया और खिताब से बस चुक गयी.

सुगंती धनवार :

खूंटी जिले के बंजरी गांव की सुगंती धनवार ने अपनी बड़ी बहन बिरसमुनी से प्रेरणा लेकर फुटबॉल को अपना लक्ष्य बनाते हुए लगातार अभ्यास किया. अपने टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में कई जिला और स्थानीय टूर्नामेंटों में भाग लिया. वर्ष 2024 में उन्होंने तेलंगाना में आयोजित अंडर-17 गर्ल्स फुटबॉल टूर्नामेंट में झारखंड का प्रतिनिधित्व किया और फाइनल तक पहुंची. सुब्रतो कप में भी शानदार प्रदर्शन किया.

निधि टोप्पो :

रांची जिले के नगड़ी गांव की 13 वर्षीय निधि टोप्पो झारखंड की फुटबॉल दुनिया में एक उभरता सितारा हैं. हाल ही में खेलना शुरू करने के बावजूद उनके जुनून और प्रतिभा ने सबका ध्यान खींचा. स्थानीय टूर्नामेंट में भाग लेकर उन्होंने तेजी से अपनी क्षमताओं को निखारा. वर्ष 2024 में उन्हें पश्चिम बंगाल में आयोजित अंडर-14 गर्ल्स फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए झारखंड टीम में चुना गया.

सबिता कुमारी :

खूंटी की सबिता ने अपने सीनियर खिलाड़ियों से प्रेरित होकर उन्होंने नियमित प्रशिक्षण लिया. फुटबॉल टीम की अहम सदस्य बनीं. उन्होंने कई स्थानीयऔर जिला स्तर के टूर्नामेंटों में भाग लिया और सुब्रतो कप में भी अपनी प्रतिभा दिखायी. वर्ष 2024 में उन्हें पंजाब में आयोजित अंडर-17 खेलो इंडिया टूर्नामेंट के लिए झारखंड टीम में चुना गया.

गीता अंजलि कुमारी :

रांची जिले के नगड़ी गांव की 15 वर्षीय गीता अंजलि ने दो साल पहले फुटबॉल खेलना शुरू किया और जल्द ही अपनी मेहनत और तेजी से सुधार के साथ पहचान बनायीं. उन्होंने कई स्थानीय टूर्नामेंट में भाग लेकर अनुभव और आत्मविश्वास बढ़ाया. वर्ष 2024 में उन्होंने हजारीबाग में आयोजित झारखंड अंडर-17 टीम ट्रायल्स में भाग लिया और 15-दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के लिए चुनी गयीं.

रिया कुमारी :

रांची जिले के नगड़ी गांव की 15 वर्षीय रिया कुमारी ने दो साल पहले फुटबॉल खेलना शुरू किया और अपनी मेहनत से जल्दी ही पहचान बनायी. स्थानीय टूर्नामेंटों में भाग लिया. वर्ष 2024 में उन्होंने झारखंड अंडर-17 गर्ल्स फुटबॉल टीम के लिए हजारीबाग में ट्रायल दिया और 15 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में जगह बनायी. आंध्र प्रदेश में होने वाले टूर्नामेंट की तैयारी में पूरे समर्पण से भाग लिया.

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