सिल्ली. सिल्ली थाना क्षेत्र के मारदू गांव में बुधवार की सुबह करीब साढ़े चार बजे पूरनचंद्र महतो के घर में बाघ घुस गया. पूरनचंद की बेटी सनिका ने बताया कि जब वह बकरी बांधने घर से निकली, तभी एक बाघ घर में घुस गया. बाघ जिस कमरे में जाकर बैठा, वहां बच्चे सोये थे. बाघ घुसने की सूचना सनिका ने अपने पिता को दी. पिता ने चुपके से बच्चों को बाहर निकाला और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया. इसके बाद वह बाघ-बाघ कह चिल्लाने लगे. उनकी आवाज सुन ग्रामीण जुट गये. उन्होंने ग्रामीणों को घर में बाघ के होने की जानकारी दी. इसी बीच कुछ लोगों ने खिड़की से बाघ की तस्वीर उतार कर वन विभाग के कर्मियों को भेज दी. इसके बाद मौके पर वनकर्मी पहुंचे. उन्होंने वरीय पदाधिकारियों को स्थिति की जानकारी दी.
वन विभाग की टीम पहुंची
वन विभाग के मुख्यालय से प्रधान मुख्य वन संरक्षक पारितोष उपाध्याय के नेतृत्व में एक टीम शाम चार बजे मारदू गांव पहुंची. उनके साथ सीसीएफ वन्य प्राणी एसआर नटेश भी थे. पलामू टाइगर रिजर्व से एक टीम बुलायी गयी. वहां से रेस्क्यू टीम साजो-समान के साथ आयी. इसी बीच ट्रैक्यूलाइजर देकर बाघ को बेहोश किया गया. शाम करीब साढ़े पांच बजे बाघ को केज (पिंजरा) में डाला गया. इस तरह करीब 14 घंटे के बाद भारी बारिश के बीच बाघ को रेस्क्यू किया गया. बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व ले जाया गया है.
दलमा से भटक कर आया
बाघ
वन अधिकारियों के अनुसार, यह बाघ दलमा से भटक कर आया होगा. दलमावाले इलाके में कुछ माह से बाघ होने की बात कही जा रही थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो रही थी. यह इलाका उसी रास्ते में पड़ता है. इस कारण लगता है कि बाघ दलमा वाले इलाके से ही आया होगा.
बाघ देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लगी
रही
बाघ के घर में घुस जाने की सूचना मिलने पर आसपास के गांवों से भी हजारों लोग जमा हो गये. भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने आसपास के इलाके में धारा 144 लागू कर दिया. इसके बाद वहां से लोगों को बाहर किया गया. लोगों को घर के नजदीक आने से मना किया जा रहा था. लोग दूर से ही रेस्क्यू ऑपरेशन देखते रहे.
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