रांची. एचइसी में आउटसोर्सिंग एजेंसी का विरोध कर रहे सप्लाई कर्मियों ने मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है. रविवार को धुर्वा के पंचवटी मैदान सप्लाई संघर्ष समिति की बैठक में तय हुआ कि बड़ी संख्या में सप्लाई कर्मी सोमवार को एचइसी मुख्यालय के समक्ष पहुंचेंगे और आउटसोर्सिंग एजेंसी की शर्तों पर ड्यूटी करने जा रहे सप्लाई कर्मियों को रोका जायेगा.
हमने पांच महीने बिना वेतन के काम किया, तब कहां थी यूनियन
बैठक को संबोधित करते हुए समिति के सदस्य मनोज पाठक ने कहा : सप्लाई कर्मी ही एचइसी के असली हितैषी हैं. ये कामगार ही कंपनी के उत्पादन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. एचइसी को विकास के रास्ते पर ले जाना सप्लाई कर्मियों की प्राथमिकता है. श्री पाठक ने आरोप लगाया कि कुछ यूनियनें सप्लाई कर्मियों के आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं. ऐसा करके वे प्रबंधन की शाबासी हासिल करना चाहती हैं. हालांकि, उनकी मंशा सफल नहीं होने दी जायेगी. पांच महीने जब कामगारों ने बिना इएसआइ की सुविधा के काम किया, तब ये यूनियनें कहां थीं? समिति ने संघर्ष कर सप्लाई कर्मियों को इएसआइ की सुविधा दिलवायी थी. जब कार्मिक प्रमुख ने सप्लाई कर्मियों को सितंबर 2023 से जनवरी 2024 तक का वेतन नहीं देने का पत्र इएसआइ को लिखा था, तब यूनियन ने कुछ नहीं किया. श्री पाठक ने कहा : ‘भारतीय फैक्ट्री अधिनियम-1948’ के अनुसार कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश (रविवार) के लिए भुगतान करने का प्रावधान है. वर्ष 2010 के समझौते के तहत सप्लाई कर्मियों को 18 इएल, सात सीएल, दो डीए व अन्य सुविधाएं मिल रही थीं, लेकिन प्रबंधन अब इस अधिनियम की अनदेखी कर रहा है. उन्होंने कहा कि मजदूरों का आंदोलन कभी बेकार नहीं जाता है. हमारी मांग है कि निदेशक कार्मिक जल्द से जल्द सप्लाई कर्मियों से वार्ता करें और पूर्व में दी जा रही सुविधाओं को पुन: बहाल करायें. बैठक में रंथू लोहरा, वाइ त्रिपाठी, शिव कुमार सिंह, राजेश शर्मा, प्रमोद कुमार समेत बड़ी संख्या में सप्लाई कर्मी उपस्थित थे.
नये लेबर कोड से एचइसी में सभी पुराने श्रम कानून हो जायेंगे निरस्त : लालदेव सिंह
हटिया कामगार यूनियन (एटक) के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह कहा कि नये लेबर कोड से एचइसी में सारे पुराने श्रम कानून निरस्त हो जायेंगे. फिलहाल मजदूरों को वेतन, रिटायरमेंट का बकाया, कैंटीन सुविधा, पीने का शुद्ध पानी और सुरक्षा उपकरण नहीं मिल रहे हैं. यहां तक कि वेतन पर्चा(पे स्लिप) भी नहीं मिल रहा है. नये लेबर कोड का ही प्रभाव है कि प्रबंधन ने वर्षों से कार्यरत सप्लाई मजदूरों की आउटसोर्सिंग की ओर धकेल दिया है. इनके वेतन और छुट्टी में कटौती की योजना बनायी जा रही है. वहीं, स्थायी मजदूरों का प्रमोशन व बढ़े हुए महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गयी है. अन्य सुविधाएं भी बंद कर दी गयी हैं. ऐसे में एचइसी के कामगारों को चाहिए कि वे उक्त सुविधाओं को बहाल कराने और ठेका मजदूरों को आउटसोर्सिंग से पुन: पुरानी व्यवस्था में लाने के लिए नौ जुलाई को होनेवाली देशव्यापी हड़ताल को सफल बनायें. हड़ताल को लेकर सोमवार को एचइसी आवासीय परिसर और कारखाने के अंदर संपर्क अभियान चलाया जायेगा. नौ जुलाई को सेक्टर-3 गोलचक्कर से जुलूस निकला जायेगा, जो एचइसी मुख्यालय होते हुए सभी प्लांटों के गेट तक जायेगा.
एचइसी की बंदी का कारण न बनें सप्लाई कर्मी : यूनियन
हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री लीलाधर सिंह ने कहा है कि सप्लाई कर्मी एचइसी की बंदी का कारण न बनें. यूनियन सप्लाई कर्मियों से काम पर लौटने का आह्वान करती है. यूनियन भरोसा दिलाती है कि, कामगारों का वित्तीय नुकसान नहीं होने दिया जायेगा. न अवकाश का नुकसान होगा, न किसी अन्य सुविधाओं का. प्रमुख नियोक्ता एचइसी है. पहले एक दिन का वेतन निकालने के लिए कुल वेतन को 30 से विभाजित किया जाता था. अब कुल वेतन को 26 से विभाजित कर एक दिन का वेतन निकाला जायेगा. एचइसी का वार्षिक अवकाश 12 दिन, चार ऐच्छिक अवकाश है. डीए झारखंड सरकार के अनुसार मिलेगा.
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