रांची (प्रमुख संवाददाता). विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि राज्य के सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च विद्यालयों में क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई अनिवार्य करने को लेकर सरकार गंभीर है. इसको लेकर राज्य की पांच सदस्यीय टीम ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया. कमेटी ने वहां जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं की चल रही पढ़ाई को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री को सौंपा जायेगा. इसके बाद ठोस निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकारी की ओर से कराये गये सर्वे की त्रुटि को दूर करते हुए शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. विधायक नमन विक्सल कोमगाड़ी की ओर से गैर सरकारी संकल्प के तहत लाये गये प्रस्ताव पर मंत्री ने यह जानकारी दी. विधायक ने अनुसूचित जनजाति एव मूल निवासियों की भाषा संस्कृति एवं परंपराओं को संरक्षित करने को लेकर सरकारी स्कूलों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई को अनिवार्य करने और शिक्षकों की नियुक्ति अविलंब करने का आग्रह किया था.
सरायकेला-खरसावां में 500 बेड का अस्पताल बनेगा : इरफान
रांची. विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि दो माह में समीक्षा कर सरायकेला-खरसावां में 500 बेड के अस्पताल निर्माण का काम पूरा करायेंगे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में इस अस्पताल के लिए 153.96 करोड़ रुपये का प्राकलन तैयार किया गया था. जमीन संबंधी तकनीकी अड़चनों के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ. अब सरकार की ओर से 353 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया गया है. दो माह में इसकी समीक्षा कर अस्पताल निर्माण के कार्य को पूरा कराने का काम किया जायेगा. विधायक दशरथ गागराई की ओर से लाये गये गैर सरकारी संकल्प पर मंत्री ने यह जानकारी दी. विधायक ने कहा कि पिछले 12 वर्षों से सरायकेला-खरसावां में अस्पताल निर्माण का कार्य चल रहा है. इसे कब तक पूरा किया जायेगा.
खेल बटालियन के गठन को लेकर लाया प्रस्ताव
रांची. विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को विधायक प्रदीप यादव ने गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से खेल बटालियन के गठन की मांग उठायी. साथ ही जिला और राज्यस्तरीय खिलाड़ियों की भी सीधी नियुक्ति और आर्थिक संवर्धन करने का आग्रह किया. इसके जवाब में प्रभारी मंत्री ने सुदिव्य कुमार ने कहा कि बटालियन गठन का प्रस्ताव पहली बार आया है, इस पर सभी पहलुओं पर मंथन करने के बाद नीतिगत निर्णय होगा. वर्तमान परिस्थितियों राज्य व जिला स्तरीय खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति देना संभव नहीं. हालांकि सरकार उनके आर्थिक संवर्धन का प्रयास करेगी.
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