विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने निर्देश के बावजूद छात्रों की शिकायतें सुनने के लिए लोकपाल नियुक्त नहीं करनेवाले झारखंड के 16 विवि को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है. इनमें आठ सरकारी विवि तथा आठ प्राइवेट विवि शामिल हैं. निर्देश का पालन नहीं करने पर यूजीसी ने देशभर के 421 विवि को डिफॉल्टर घोषित किया है. यूजीसी ने सभी विवि को 31 दिसंबर 2023 तक लोकपाल नियुक्त करने तथा इससे संंबंधित यूजीसी परिनियम को हर हाल में विवि में लागू करने का निर्देश दिया था. लेकिन विवि ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. प्रथम चरण में झारखंड के जिन विवि को डिफॉल्टर घोषित किया गया है. इनमें रांची विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि, सिदो-कान्हू मुर्मू विवि, विनोबा भावे विवि, झारखंड स्टेट ओपेन यूनिवर्सिटी, झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, झारखंड रक्षा शक्ति विवि तथा जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी (सभी सरकारी विवि) हैं. इसी प्रकार कैपिटल यूनिवर्सिटी, नेताजी सुभाष विवि, प्रज्ञान इंटरनेशनल विवि, रामकृष्ण धर्मरथ फाउंडेशन विवि, सोना देवी विवि, श्रीनाथ विवि जमशेदपुर, यूएम विवि (प्राइवेट विवि) हैं.
यूजीसी ने विवि द्वारा लोकपाल नियुक्त नहीं करने की चूक को गंभीरता से लिया है. यूजीसी ने इन सभी विवि को लोकपाल नियुक्त करने का एक और मौका दिया है. सचिव प्रो मनीष जोशी को अनुसार इसके तहत जो विवि अब तक लोकपाल नियुक्त नहीं किये हैं. वे यथाशीघ्र नियुक्त कर पूरा विवरण यूजीसी को ई-मेल पर भेजने का निर्देश दिया गया है. अगर किसी विवि ने लोकपाल नियुक्त कर लिया है, इसके बावजूद उनका नाम इस सूची में है, तो वे भी ई-मेल द्वारा इसकी जानकारी दे सकते हैं. सरकारी विवि ई-मेल ([email protected]) पर जानकारी दे सकते हैं. जबकि निजी विवि ई-मेल ([email protected]) पर जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं. सचिव ने सभी विवि को लोकपाल नियुक्ति सहित छात्र शिकायत निवारण विनियम-2023 के तहत शिकायत निवारण समिति की जानकारी अपनी-अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं. सचिव ने आम लोगों से भी अपील की है कि जिन विवि ने इसका पालन नहीं किया है, वे यूजीसी के इसकी जानकारी दे सकते हैं. सचिव ने कहा है कि विवि द्वारा निर्देश का पालन नहीं करने पर आयोग उनका अनुदान रोकने सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करेगा.
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