रांची. जयपुर से आये रेडियोलॉजिस्ट डॉ गौरव कांत शर्मा ने बताया कि चोट के बाद सर्जरी की आवश्यकता है या नहीं, इसकी जानकारी अल्ट्रासाउंड जांच से की जा सकती है. हाई रेजोल्यूशन अल्ट्रासाउंड से आर्टरी के एक-एक फाइबर की स्थिति का आकलन किया जा सकता है. अगर डॉक्टर चोट वाली जगह का अल्ट्रासाउंड करने की सलाह दें तो जांच करा लेनी चाहिए. वह रविवार को रिम्स ऑडिटोरियम में इंडियन रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग एसोसिएशन (आइआरआइए) के वार्षिक सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाउंड की मशीनें अब अत्याधुनिक हो गयी हैं. इससे आर्टरी की स्थिति का पता किया जा सकता है. पुणे से आये डॉ अभिमन्यु केलकर ने बताया कि रीढ़ की हड्डी की सर्जरी काफी जटिल होती है, इसलिए अल्ट्रासाउंड जांच कर पता लगाना जरूरी है. जांच में क्या गलती हो सकती है और क्या सावधानी बरतनी चाहिए, इसकी जानकारी डॉक्टर को भी होनी चाहिए. डॉ अभिमन्यु ने इसकी जानकारी भी करायी. दिल्ली से आये डॉ कृष्ण गोपाल और जमशेदपुर से आयी डॉ नीलम जैन ने भी रेडियोलॉजी जांच की बारीकी के बारे में बताया. इधर, दूसरे सत्र में जूनियर डॉक्टरों ने पेपर प्रेजेंटेशन कर रेडियोलॉजी जांच में हो रहे नये शोध की जानकारी दी. कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक डॉ राजकुमार, डॉ डीके सिंह और डॉ प्रभात कुमार की मौजूदगी में हुआ. आयोजन को सफल बनाने में रेडियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार टोप्पो, डॉ राजीव कुमार रंजन, डॉ प्रबाल सेन, डॉ प्रवीण त्रिपाठी, डॉ अनीश चौधरी और डॉ राजन पांडेय की भूमिका रही.
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