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मृत छात्र मंतोष बेदिया को लेकर सामने आया ये सच, 1 से 1.5 महीने में पूरा होगा सेंट्रल लाइब्रेरी रांची के मरम्मत का काम

सेंट्रल लाइब्रेरी की पूरी मरम्मत एक से डेढ़ महीने में हो जाएगी. तबतक के लिए विद्यार्थियों के आने जाने के लिए एक सुरक्षित रास्ता बना दिया गया है. हर रोज सेंट्रल लाइब्रेरी में 700 से ज्यादा बच्चें पढ़ाई करने आते हैं.

14 जून 2023 को रांची यूनिवर्सिटी के सेंट्रल लाइब्रेरी का छज्जा गिरने से एक छात्र की मौत हो गई थी. छात्र सेंट्रल लाइब्रेरी में पढ़ाई करने आता था. 14 जून को जब वह सेंट्रल लाइब्रेरी में साइकल रखने के बाद खड़ा था तो अचानक से छज्जा गिर गया. जिसके कारण वह बुरी तरह घायल हो गया.

जिसके बाद आनन-फानन में घटनास्थल पर एंबुलेंस से छात्र को रिम्स ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक छात्र की पहचान मंतोष बेदिया के रूप में हुई थी. इस घटना के कुछ छात्र संगठनों ने सड़क को जाम किया था और सेंट्रल लाइब्रेरी को बंद करने की मांग की थी.

मृत छात्र के पिता का नाम सहजनाथ बेदिया है. छात्र रामगढ़ जिले के भुरकुंडा का रहने वाला था. इस घटना के घटे लगभग 9 महीने हो गए है. अभी तक सेंट्रल लाइब्रेरी की मरम्मत नहीं कराई गई है. इस लाइब्रेरी की स्थिति पहले जैसे ही जर्जरय है और छात्र इसी में पढ़ाई करने आ रहे हैं.

घटना के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दिया लिखित आश्वासन

इस पूरे मामले को लेकर प्रभात खबर ने झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन देवेन्द्र नाथ से बातचीत की. बातचीत करते हुए देवेन्द्र ने बताया कि इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक लिखित आश्वासन दिया था जिसमें उनके घर से एक लोगों को नौकरी दिलाने की बात करी गई थी.

इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक लिखित आश्वासन दिया था जिसमें उनके घर से एक लोगों को नौकरी दिलाने की बात करी गई थी.

झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन, देवेन्द्र नाथ

इसके साथ ही सेंट्रल लाइब्रेरी को तत्काल बंद कर दिया गया था. यूनिवर्सिटी के तरफ से कहा गया था कि जबतक सेंट्रल लाइब्रेरी की मरम्मत पूरी नहीं हो जाती तबतक लाइब्रेरी बंद रहेगी. लेकिन, थोड़ी – बहुत ही मरम्मत हुई और लाइब्रेरी फिर से खुल गई, बच्चें फिर से उसी जर्जर लाइब्रेरी में पढ़ने लगे हैं.

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मृत छात्र मंतोष बेदिया को लेकर सामने आया ये सच, 1 से 1. 5 महीने में पूरा होगा सेंट्रल लाइब्रेरी रांची के मरम्मत का काम 3

इसको लेकर प्रभात खबर की टीम ने विद्यार्थी परिषद अटल पांडे से बात की. बातचीत के दौरान अटल पांडे ने बताया कि ये घटना घटने के बाद तीन महीने तक सेंट्रल लाइब्रेरी को बंद रखा गया. फिर विद्यार्थियों के डिमांड पर सेंट्रल लाइब्रेरी फिर से खोला गया. क्योंकि विद्यार्थियों ने कहा कि हमारी पढ़ाई बहुत दिनों से बंद है. मरम्मत बाद में होती रहेगी, फिलहाल इसे खोल दिया जाए.

ये घटना घटने के बाद तीन महीने तक सेंट्रल लाइब्रेरी को बंद रखा गया. फिर विद्यार्थियों के डिमांड पर सेंट्रल लाइब्रेरी फिर से खोला गया.

विद्यार्थी, परिषद अटल पांडे

हांलाकि अटल पांडे ने बात करते हुए बताया कि सेंट्रल लाइब्रेरी बिल्डिंग ठीक है, सिर्फ इसके छत और छज्जे की स्थिति जर्जर है. छात्र मंतोष बेदिया की मौत भी जर्जर छज्जे से एक टुकड़ा गिरने से मौत हुई थी.

अब ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन पर एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर इतने बड़ी घटना घटने के बाद भी सेंट्रल लाइब्रेरी के छज्जा की पक्की मरम्मत अभी तक क्यों नहीं कराई गई है. बिना मरम्मत कराए इसे क्यों खोला गया है. अगर ऐसी घटना दोबारा घटती है, तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा. इन सारे सवालों को लेकर हमने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजित सिन्हा से बात की.

कुलपति अजित सिन्हा ने कही ये बात

बातचीत के दौरान अजित सिन्हा ने कहा कि वह हमारे विश्वविद्यालय का छात्र नहीं था. लाइब्रेरी के पीछे एक गलियारा है, लड़का वही गया था. फिर भी हमने 4 लाख रुपये दिया और उसके भाई को नौकरी भी दिया. उसका भाई हमारे यहां नौकरी कर रहा है. इसके बाद सेंट्रल लाइब्रेरी को बंद कर दिए थे. अब इसको भवन निर्माण विभाग इसे बनवा रहा है. तबतक हमने इसकी थोड़ी – बहुत मरम्मत करा दी है.

सेंट्रल लाइब्रेरी की पूरी मरम्मत एक से डेढ़ महीने में हो जाएगी. तबतक के लिए विद्यार्थियों के आने जाने के लिए एक सुरक्षित रास्ता बना दिया गया है. हर रोज सेंट्रल लाइब्रेरी में 700 से ज्यादा बच्चें पढ़ाई करने आते हैं. बच्चों के डिमांड पर ही हमने सेंट्रल लाइब्रेरी को फिर से खोला है. बहुत जल्द इसकी पूरी मरम्मत हो जाएगी. बरशात के पहले इसकी मरम्मत कैसे भी पूरी होनी है. तत्काल हमने अपने पैसे से ही इसके छज्जा को झरवाया है.

सेंट्रल लाइब्रेरी की पूरी मरम्मत एक से डेढ़ महीने में हो जाएगी. तबतक के लिए विद्यार्थियों के आने जाने के लिए एक सुरक्षित रास्ता बना दिया गया है.

कुलपति, अजित सिन्हा
Vikash Kumar Upadhyay
Vikash Kumar Upadhyay
Journalist at Prabhat Khabar Digital, Gold Medalist alumnus MGCU, Former intern Tak App, Biz Tak and DB Digital. Ex reporter INS24 News. Former media personnel District Information and Public Relation Department, Motihari. Former project partner and planner Guardians of Champaran. Very keen to work with the best faculties and in challenging circumstances. I have really a big dream to achieve and eager to learn something new & creative. More than 3 years of experience in Desk and Reporting.

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