रांची (विशेष संवाददाता). उषा मार्टिन फाॅउंडेशन और एकल विद्यालय संयुक्त रूप से टाटीसिलवे के 15 ट्राइबल गांवों में समाज परिवर्तन का अभियान चला रहे हैं. इस अभियान के तहत संस्कार शिक्षा के माध्यम से वनवासी एवं जनजातीय समाज में अनेक सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं. इन गांवों में ग्राम विकास के संपूर्ण कंसेप्ट को ही धरातल पर उतारा जा रहा है. इन गांवों के 300 से अधिक बच्चों और इतने ही परिवार के लोगों में शिक्षा, स्वाभिमान एवं राष्ट्रनिर्माण का कार्य किया जा रहा है.
उषा मार्टिन फाॅउंडेशन के सचिव डाॅ मयंक मुरारी ने बताया कि दो साल पूर्व एकल अभियान को इन ट्राइबल गांवों में शुरू किया गया था. एकल विद्यालय धीरे-धीरे ग्रामीण आवश्यकताओं के आधार पर शिक्षा के बाद आरोग्य, ग्राम विकास, स्वाभिमान जागरण एवं संस्कार शिक्षा का पंचमुखी शिक्षा अभियान बन गया है. पाठ्यक्रम में बच्चों को बुनियादी शिक्षा और जीने के तौर-तरीकों के बारे में भी बताया जाता है, ताकि उनमें आत्मविश्वास की भावना पैदा हो.अंचल अभियान प्रमुख हीरालाल महतो इन विद्यालय के बच्चों में अपनी परंपरा एवं संस्कार को देखकर बताते है कि इन बच्चों एवं इनके परिवार जनों को शिक्षा, संस्कार के साथ, वोकेशनल ट्रेनिंग ग्राम विकास विकास के विभिन्न माध्यम से जोड़ने की जरूरत है, ताकि एक सर्वांगीण विकास को संभव बनाया जा सके.
एडुकेशन कोऑर्डिनेटर सुगन देवी बताती है कि यह विद्यालय सासनबेड़ा, मसरीजारा, पइका, जरगा, मेढ़ा, बानपुर, असरी, जिरकी, जाराटोली, सालहन आदि गांवों में चल रहा है. इन विद्यालयों के माध्यम से उषा मार्टिन ने अभी तक 600 से अधिक बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ संस्कार एवं परंपरा का ज्ञान दिया है. सासनबेड़ा की स्कूल इंचार्ज आशापति देवी बताती है कि बच्चों में संस्कार के साथ अक्षर ज्ञान और गांव की महिलाओं में सांस्कृतिक जागरण के साथ ग्रामीण विकास के बारे में बताया जा रहा है.सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा की व्यवस्था: संगीता कुमारी
लाइवलीहुड कोऑर्डिनेटर संगीता कुमारी कहती है कि आज भी सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. वैसे क्षेत्रों में एकल विद्यालय संचालित कर बच्चों को तीन घंटे की अनौपचारिक शिक्षा गांव के ही युवक और युवतियों द्वारा दी जाती है. इस साल पांच नये गांव बड़कुंबा, चतरा, हाहे, सिलवई और उलातू एकल विद्यालय खोला गया है.आजीविका संवर्द्धन पर कार्यशाला चार को
रांची. उषा मार्टिन फाॅउंडेशन के सौजन्य से टाटीसिलवे के इर्द-गिर्द के गांवों के हुनरमंदों के आजीविका संवर्द्धन से जोड़ने के लिए चार जून को एक कार्यशाला आयोजित किया गया गया है. एग्री बिजनेस कोऑर्डिनेटर मेवालाल महतो ने बताया कि इसमें कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद को उद्यमिता से जोड़ने पर चर्चा होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है