नयी पहल. उषा मार्टिन फाउंडेशन ग्रामीण आय संवर्द्धन को देगा नयी दिशा
रांची. उषा मार्टिन फाउंडेशन ने टाटीसिलवे के आसपास के 18 गांवों में ग्रामीणों के आय संवर्द्धन के लिए मेडिसिनल प्लांट की खेती करायेगा. इस परियोजना के पहले चरण में चयनित 125 प्रगतिशील किसानों को हल्दी और अश्वगंधा की खेती के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर बीज उपलब्ध कराये गये हैं. फाउंडेशन के महाप्रबंधक डॉ मयंक मुरारी के अनुसार कम सिंचाई योग्य टांड़ भूमि की पहचान कर हल्दी की खेती के लिए 50 से अधिक किसानों को प्रेरित किया गया है, जो लगभग 10 एकड़ भूमि पर इसका उत्पादन करेंगे. वहीं, अश्वगंधा की खेती के लिए पहले चरण में सात गांवों के 22 किसानों को चयनित किया गया है, जो 25 एकड़ भूमि पर खेती करेंगे. इस परियोजना में ””””आश्रय एग्रो टेक”””” तकनीकी सहयोगी के रूप में जुड़ा है, जबकि फसल की समुचित बिक्री और विपणन के लिए ””””एकल ग्रामोत्थान उत्पाद फाउंडेशन”””” के साथ साझेदारी की गयी है. आश्रय एग्रो टेक के चंद्र मोहन के अनुसार, अश्वगंधा की खेती से किसानों को प्रति एकड़ प्रति वर्ष लगभग एक लाख रुपये की आमदनी हो सकती है. भविष्य में किसानों को कुसुम, चीया समेत अन्य औषधीय फसलों से जोड़ने की योजना भी बनायी जा रही है.रात की सुरक्षा के लिए खेतों में सोलर लाइट की व्यवस्था
फाउंडेशन द्वारा चयनित किसानों के खेतों में सोलर लाइट की व्यवस्था की गयी है. रात्रिकालीन फसल सुरक्षा और देखरेख में मदद मिल रही है. एग्री बिजनेस कोऑर्डिनेटर मेवालाल महतो ने बताया कि यह पहल नगदी फसलों के उत्पादन और किसानों की आत्मनिर्भरता की दिशा में उपयोगी सिद्ध हो रही है. बेड़वारी के किसान ईश्वर महतो और जानुम के गोवर्धन महतो ने इस योजना को लाभकारी बताया.जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा
फाउंडेशन की टीम ने हाल ही में झारखंड के प्रथम जैविक गांव ‘धुरलेट’ का भ्रमण किया, जहां टीम ने ग्राम प्रधान हरिचरण उरांव सहित स्थानीय किसानों से जैविक खेती से जुड़े अनुभव साझा किये. डॉ मयंक मुरारी के नेतृत्व में संपन्न इस विजिट के दौरान फाउंडेशन ने अपने कार्यक्षेत्र में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया. भ्रमण दल में प्रिया बागची, भुनेश्वर महतो, मोनीत बूतकुमार, मेवालाल महतो, वरुण कुमार और संगीत कुमारी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है