रांची. अखंड सौभाग्य की कामना के साथ सुहागिन महिलाएं सोमवार को वट सावित्री पूजा करेंगी. इसे लेकर सुहागिनों में काफी उत्साह है. बाजार में रविवार को भी महिलाओं ने खरीदारी की. महिलाओं ने पूजन सामग्री, शृंगार और दान सामग्री की खरीदारी की. मेहंदी लगाने के लिए पार्लर और शॉपिंग मॉल के बाहर अपनी पारी का इंतजार करती दिखी. नवविवाहिता व्रत को लेकर विशेष तैयारी में जुटी हैं.
दिन के 10:54 तक चतुर्दशी
सोमवार को वट सावित्री पूजा है. दिन के 10.54 बजे तक चतुर्दशी है. इसके बाद अमावस्या लग जायेगा, जो 27 मई को सुबह साढ़े आठ बजे तक रहेगा. यह स्नान-दान की अमावस्या है. इसके अलावा इस दिन भगवान शनिदेव की जयंती भी मनायी जायेगी. 26 को फलहारिणी काली पूजा भी है. इसी दिन श्राद्ध की अमावस्या भी है.
बाजार में पूजन सामग्री की बिक्री
व्रत को लेकर बाजार में रविवार को काफी भीड़ रही. महिलाओं ने पूजन सामग्री सहित बांस का पंखा आदि की खरीदारी की. इसके अलावा डलिया और फल की भी बिक्री हुई. बाजार में पंखा, शृंगार सामग्री, टोकरी, डलिया में दान सामग्री, चूड़ी, बिंदी, आइना सहित अन्य की बिक्री हुई. सजा हुआ डलिया 51-251 रुपये, ताड़ का पंखा 10-20 रुपये प्रति पीस और बांस पंखा 30-50 रुपये प्रति पीस बिका. मौली धागा 10-50 रुपये, टोकरी 10-50 रुपये प्रति पीस, वट सावित्री कथा की किताब 20-30 रुपये और शृंगार सामान 10-150 रुपये आदि की कीमत से बिका. दुकानदारों के अनुसार बांस का पंखा झारखंड के टाटा और ताड़ पंखा बिहार के गया से मंगाया जाता है.
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