रांची. कांके के नगड़ी में रिम्स टू के निर्माण से संबंधित प्रस्तावित योजना को लेकर ग्रामीणों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ आशा लकड़ा से शिकायत की थी. शनिवार को ग्रामीणों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डॉ आशा लकड़ा नगड़ी पहुंचीं. यहां उन्होंने ग्रामीणों से पूरे मामले की जानकारी ली. रैयतों ने उन्हें बताया कि जमीन के अलावा उनके पास खेती लायक कोई अन्य भूमि नहीं है. अगर यहां रिम्स टू का निर्माण कर दिया गया तो अंतिम संस्कार के लिए भी जमीन नहीं बचेगी. वर्ष 2011 तक गांव वालों ने संबंधित जमीन का रसीद कटाया है, लेकिन 2012 के बाद रसीद नहीं कटी है. लोगों की शिकायत सुनकर डॉ लकड़ा ने कहा कि आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लिया है. आयोग की ओर से एक रिपोर्ट तैयार कर इसे राज्य सरकार, राष्ट्रपति व गृह विभाग को भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि जब जमीन ही खत्म हो जायेगी तो यहां के लोगों का अस्तित्व भी खत्म हो जायेगा. वे भूमि विहीन हो जायेंगे और उन्हें पलायन करने पर मजबूर कर दिया जायेगा.
राज्यपाल से मिलकर रखी मांग
डॉ आशा लकड़ा ने शनिवार को पांच सदस्यीय टीम के साथ राजभवन में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की. इस दौरान राज्य में पेसा कानून, कृषि योग्य भूमि पर रिम्स टू के निर्माण और आयोग की ओर से आदिवासी समाज से संबंधित मामलों पर की जा रही कार्रवाई पर चर्चा की गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है