रांची. राज्य सरकार इस वित्तीय वर्ष में राज्यभर के एक हजार गांवों को सोलर विलेज बनाना चाहती है. इसके लिए ऊर्जा विभाग के अंतर्गत जेरेडा द्वारा प्रस्ताव बनाया गया है. जिसे अब कैबिनेट भेजने की तैयारी है. बताया गया कि एक हजार गांवों के दो लाख घरों में दो-दो मेगावाट के सोलर रुफटॉप प्लांट लगाये जायेंगे. इससे लगभग 400 मेगावाट बिजली उत्पादित होने का अनुमान है. इस पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत आयेगी.
केंद्र को भी भेजा गया पत्र
जेरेडा के सूत्रों ने बताया कि तीन हजार करोड़ की लागत वाली इस परियोजना को लेकर पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत केंद्रांश के रूप में 1200 करोड़ रुपये की मांग की गयी है. शेष राशि राज्य सरकार खर्च करेगी अथवा नाबार्ड से लोन के रूप में राशि ला जायेगी. इधर जेरेडा द्वारा सोलर मिनी ग्रिड योजना के तहत राज्यभर के 237 गांवों के 12406 घरों में सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाने की योजना का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है. जो राज्य सरकार की योजना मद से पूरी होगी. वहीं 246 गांवों को केंद्रीय सहायता से मिनी ग्रिड योजना से बिजली पहुंचायी जायेगी. यहां भी 12 हजार से अधिक घर होंगे.
मिनी ग्रिड योजना से 128 गांवों के 10 हजार घर होंगे रोशन
झारखंड के कई सुदूरवर्ती गांवों या टोलों में भौगोलिक स्थिति के कारण ग्रिड के माध्यम से पारंपरिक बिजली पहुंचना संभव नहीं था. ऐसे में राज्य सरकार ने ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट के माध्यम से इन गांवों में विद्युतीकरण कराने की ठानी. राज्यभर के 128 गांवों में ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट लगाये गये हैं. इन गांवों के 10016 घरों में सौर ऊर्जा से बिजली मिल रही है. गांव की सड़कें स्ट्रीट लाइट से रोशन हो रही हैं. स्कूलों और चौपालों में भी बिजली पहुंच गयी है. यहां से करीब 40 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है. इस पर करीब 128 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे.
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