रांची. रांची और जमशेदपुर में महिलाओं के लिए बने वन स्टॉप सेंटर के बारे में महिलाओं को जानकारी नहीं है. सुविधाओं का भी अभाव है. ऐसे में संकट में पड़ी महिलाएं को इन सेंटरों का लाभ नहीं मिल पा रहा. उक्त बातें नयी दिल्ली, सृष्टि संस्था, इब्तिदा झारखंड और युवा के प्रतिनिधियों ने सोमवार को नामकुम स्थित बगइचा संस्था के सभागार में कही. शोधार्थी आकृति लकड़ा और अंजना देवगम ने हाल में हुए अध्ययन के आधार पर बताया कि दोनों ही शहरों के वन स्टॉप सेंटर में कम स्टॉफ हैं. जबकि इनमें सरकार द्वारा 11 स्टॉफ रखने का प्रावधान है. ऐसे में हिंसा से पीड़ित, विक्षिप्त या मानसिक रूप से प्रताड़ित महिलाओं को जरूरी सहायता नहीं मिल पाती है. रांची के सेंटर में 2016 से 2024 के बीच लगभग 432 केस दर्ज हुए. यहां यौन उत्पीड़न, धोखाधड़ी, दहेज सहित अन्य मामलों से जुड़ी महिलाएं को रखा गया है. अंजना देवगम ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर सरकार की एक अच्छी पहल है. महिलाओं के रहने, खाने-पीने, काउंसेलिंग, चिकित्सीय व कानूनी सहायता पाने के लिए प्रावधान है. अगर किसी महिला के साथ छोटा बच्चा है तो इन सेंटरों में उस बच्चे की जरूरतों का सामान भी उपलब्ध होना चाहिए. कार्यक्रम में नश्ती जमाल, याकूब कुजूर मौजूद थे.
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