रांची. समाज में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने में बैंक अपनी भूमिका बढ़ाने जा रहे हैं. पारिवारिक सूची दस्तावेज अथवा प्रमाणित वंशावली के आधार पर महिलाओं को भी केसीसी ऋण देने का प्रयास चल रहा है. बैंक इसके लिए कार्यनीति तैयार करने में जुटे हैं. फिलहाल, महिला उद्यमियों और महिला किसानों को बैंकों द्वारा स्वयं सहायता समूहों से जोड़ कर छोटे और मंझोले ऋण ही प्रदान किये जाते हैं. राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने इस मामले में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति से महिलाओं को ध्यान में रखकर नीतियां कार्यान्वित करने को कहा है. उन्होंने यह भी जानकारी मांगी है कि राज्य में कितनी महिला किसानों को केसीसी का लाभ मिला है. संभवत: अगली एसएलबीसी की बैठक में इसे प्रमुखता से शामिल किया जायेगा. इसमें चालू वित्तीय वर्ष में नये केसीसी ऋण के आंकड़े को शामिल करने के साथ ही नये केसीसी ऋणियों में से महिला ऋणियों के आंकड़े उपलब्ध कराने के निर्देश बैंकों को जारी किये गये हैं. वित्त मंत्री ने बैंकर्स समिति से कहा कि पारिवारिक सूची दस्तावेज के आधार पर महिलाओं को भी केसीसी ऋण दिया जा सकता है, इससे यह समाज आगे बढ़ेगा. झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक ने महिला किसानों को दिया ऋण झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक और कुछ कोऑपरेटिव बैंक महिला किसानों को भी वित्त पोषण कर रहे हैं. इस तरह से महिलाएं अप्रत्यक्ष रूप से कृषि गतिविधियों में शामिल हो रही हैं. 90 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को जेआरजी बैंक द्वारा वित्त पोषित किया गया है. इनमें लगभग 09 लाख महिलाएं हैं. उनमें से 03 लाख महिलाएं एसएचजी ऋण के माध्यम से खेती की गतिविधियों के लिए अपने परिवार के सदस्यों की मदद कर रही हैं.
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