डकरा. सीसीएल कर्मी और गैर सीसीएल कर्मी श्रमिक नेताओं को संबंधित यूनियन द्वारा बोर्ड सदस्य नामित किये जाने का असर अब सदस्यता अभियान को प्रभावित कर सकता है. मजदूरों के बीच इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है. केडीएच परियोजना में काम करने वाले मजदूरों के एक वर्ग ने मंगलवार को बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा की और निर्णय लिया कि जो यूनियन सीसीएल कर्मियों को बोर्ड मेंबर बनाना उचित नहीं समझती, उन्हें नकारने की जरूरत है, ताकि संगठन को एहसास हो सके कि व्यवस्था परिवर्तन करना जरूरी है. इस महीने से सदस्यता अभियान शुरू होना है. एनके एरिया में छह यूनियन औद्योगिक संबंध में शामिल है और एरिया स्तर पर सलाहकार, कल्याण और खान सुरक्षा समिति जैसी तीन महत्वपूर्ण समिति है. प्रोजेक्ट स्तर पर भी कई समिति है लेकिन एरिया स्तर के समिति से प्रोजेक्ट भी प्रभावित होता है. इसलिए एरिया समिति को प्रभावशाली माना जाता है. इस हिसाब से छह यूनियन से 18 सदस्य विभिन्न समितियों के सदस्य नामित हैं. सलाहकार समिति सदस्य सबसे ज्यादा प्रभावशाली है. इसमें एक सप्ताह पूर्व तक चार गैर सीसीएल कर्मी सदस्य थे, लेकिन अब तीन-तीन हो गये हैं. ठीक इसी प्रकार 18 में नौ सदस्य गैर सीसीएल कर्मी हैं. जनता मजदूर संघ में गोल्टेन प्रसाद यादव, संजय कुमार सिंह कर्मी हैं, तो डीपी सिंह गैर कर्मी हैं. कोल फील्ड मजदूर यूनियन में ध्वजाराम धोबी कर्मी हैं, तो विनय सिंह मानकी और मिथिलेश कुमार सिंह गैर कर्मी हैं. राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन में सुनील कुमार सिंह, धीरज कुमार सिंह कर्मी हैं, तो फुलेश्वर यादव गैर कर्मी हैं.एनसीओइए (सीटू) में शैलेन्द्र कुमार सिंह कर्मी हैं, तो शैलेश कुमार गैर कर्मी हैं और वे दो समिति के सदस्य हैं. यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन से तीनों सदस्य कृष्णा चौहान और प्रेम कुमार दो समिति में सदस्य हैं और दोनों गैर कर्मी हैं. सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ से पिंकू कुमार सिंह, उमा सिंह और मिथिलेश कुमार सिंह तीनों सदस्य कर्मी हैं.
बोर्ड सदस्य मंत्री पद की तरह है
कोयला उद्योग में संगठन का पदाधिकारी काम मात्र दिखावा जैसा रह गया है, लेकिन बोर्ड सदस्य को मंत्री पद की तरह समझा जाता है, क्योंकि कंपनी द्वारा मिलने वाली विभिन्न तरह की सुविधा या उपहार सिर्फ बोर्ड सदस्यों को ही दिया जाता है. संगठन के पदाधिकारी होना या नहीं होना इससे प्रबंधन को कोई मतलब नहीं रहता. यही वजह है कि किसी भी यूनियन में काम कर रहे प्रतिनिधि सिर्फ बोर्ड सदस्य बनने में लगे रहते हैं.बिजनेस मैन हूं धंधे की बात करुंगा
एनके एरिया के एक बोर्ड मेंबर की चर्चा ताजा विवाद में सबसे अधिक हो रही है वह अक्सर अपने आप को बिजनेस मैन बताकर धंधे की बात करते हैं, वे कई बार समिति की बैठक में भी इस बात को कहने से नहीं हिचकते. सदस्य बनने के बाद उनकी चौतरफा तरक्की को लेकर भी लोग खूब बातें कर रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है