रांची (वरीय संवाददाता). विश्व बैंक और एजेंसी फ्रांसेस डी डेवलपमेंट (एएफडी) की पांच सदस्यीय टीम ने झारखंड राज्य के दौरा के क्रम में निदेशक मत्स्य डॉ एचएन द्विवेदी के साथ विचार विमर्श किया. इससे पहले टीम ने राज्य के लोहरदगा, गुमला तथा रांची जिलों का दौरा किया. प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना (पीएमएमकेएसवाइ) की प्रगति का मूल्यांकन किया. लोहरदगा जिले के झारोचट्टी गांव में बायोफ्लाक तालाब का भ्रमण किया गया. इस मौके पर लाभुक सीमा तिवारी सहित अन्य लाभुकों ने अपने अनुभव साझा किये. श्रीमती तिवारी ने बताया गया कि अभी तक इन्होंने आठ टन पंगेशियस, तिलापिया एवं सिंघी मछली का उत्पादन किया है. इनके साथ 15-20 किसान भी प्रत्यक्ष तौर जुड़े हुए हैं. इसके अलावा टीम ने बसिया (गुमला) के नारिकेल गांव स्थित फिश फार्म का भी भ्रमण किया. यहां मछलीपालन व फीड मील की जानकारी ली. वहीं टीम ने रातू स्थित निशांत कुमार के आरएएस एवं बायेफ्लॉक टैंक में वैज्ञानिक पद्धति से हो रही मछली पालन का जायजा लिया. इसके बाद टीम मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र में विभिन्न जिलों से आये हुए मत्स्य बीज उत्पादकों से भी चर्चा की. राज्य में मत्स्य पालन के बहुत सारे किये जा रहे कार्य की प्रशंसा की. इस दौरे में निदेशक मत्स्य डॉ एचएन द्विवेदी के नेतृत्व में अन्य पदाधिकारी टीम के साथ झारखंड सरकार के अधिकारी अरुप चौधरी, अमरेंद्र कुमार, शंभू प्रसाद यादव, संजय गुप्ता, कुसुम लता, गीतांजली और डॉ प्रशांत कुमार दीपक भी थे.
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