Rath Yatra | सरायकेला, शचिंद्र कुमार दाश : सरायकेला-खरसावां जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 27 जून को भक्ति और उत्साह के साथ प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी. रथ यात्रा को लेकर हरिभंजा, खरसावां, सरायकेला, चांडिल समेत अन्य जगहों में जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही है. 11 जून को प्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा निकाली जायेगी. इस दिन प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा का महास्नान कराया जायेगा. रथयात्रा के पूर्व इस महास्नान को एक धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है.
महास्नान के बाद 15 दिनों तक नहीं होंगे प्रभु के दर्शन
11 जून को देव स्नान पूर्णिमा पर चतुर्भुज मूर्ति प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन को मंदिर के रत्न सिंहासन से स्नान मंडप पर लाकर 108 कलश जल से स्नान कराया जायेगा. मान्यता है कि स्नान के बाद प्रभु बीमार हो जाते हैं और अगले 15 दिनों तक भक्तों को दर्शन नहीं देते हैं. इस दौरान मंदिर के अणसर गृह में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा का जड़ी-बूटियों से इलाज किया जाता है. 15 दिनों के बाद प्रभु जगन्नाथ स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देते हैं. इसी दिन प्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन देवी सुभद्रा का नेत्रोत्सव किया जाता है. इस वर्ष 26 जून को प्रभु जगन्नाथ बलभद्र देवी सुभद्रा के नव यौवन रूप का दर्शन होगा. इस दौरान चतुर्भुज मूर्ति का विशेष रूप से श्रृंगार किया जाता है.
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27 जून को निकलेगी रथ यात्रा
27 जून को प्रभु जगन्नाथ बलभद्र व देवी सुभद्रा की रथयात्रा निकलेगी. इसे गुंडिचा यात्रा भी कहा जाता है. प्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बड़े भाई बलभद्र के साथ रथ पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर जाएंगे. इसके बाद 5 जुलाई को प्रभु जगन्नाथ वापस रथ पर सवार होकर जगन्नाथ मंदिर लौटेंगे. इसे घुरती या बाहुड़ा रथ यात्रा कहा जाता है. खरसावां, चांडिल, सीनी समेत विभिन्न क्षेत्रों में जहां प्रभु जगन्नाथ एक दिन में जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर पहुंचेंगे, वहीं सरायकेला में यह यात्रा दो दिनों में पूरी होगी.
अंतिम चरण में रथ का निर्माण कार्य
रथ यात्रा को लेकर भगवान जगन्नाथ के रथ का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इस वर्ष सरायकेला व हरिभंजा में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा नये रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी पहुंचेंगे. इन दोनों ही जगहों पर ओड़िशा के कारिगारों द्वारा भव्य रथ का निर्माण किया जा रहा है. खरसावां में पिछले वर्ष ही नये रथ का निर्माण कराया गया है. चांडिल में तीन अलग-अलग रथों पर सवार हो प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा मौसीबाड़ी पहुंचेंगे.
रथ यात्रा के प्रमुख कार्यक्रमों की सूची
- 11 जून : देव स्नान पूर्णिमा
- 26 जून : प्रभु जगन्नाथ का नेत्रोत्सव
- 27 जून : प्रभु जगन्नाथ का रथ यात्रा
- 01 जुलाई : हेरा पंचमी
- 04 जुलाई: नवमी संध्या दर्शन
- 5 जुलाई : बाहुडा यात्रा
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