22.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

लॉकडाउन में महिलाओं को रोजगार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को रफ्तार के लिए प्रशासन की यह है तैयारी

रांची : कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच बड़े पैमाने पर प्रवासी श्रमिक झारखंड लौट रहे हैं. गरीबी के कारण पलायन करने वाले लोगों को भोजन मुहैया कराना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना राज्य सरकार और सभी जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है.

रांची : कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच बड़े पैमाने पर प्रवासी श्रमिक झारखंड लौट रहे हैं. गरीबी के कारण पलायन करने वाले लोगों को भोजन मुहैया कराना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना राज्य सरकार और सभी जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है.

Also Read: Coronavirus Lockdown Jharkhand LIVE Updates: बारिश में भींगते हुए बरही पहुंचे सैकड़ों मजदूर, झारखंड के तीन जिलों में कोरोना का सर्वे करने पहुंची ICMR की टीम, बोकारो में कांटैक्ट ट्रेसिंग

इस चुनौती को झारखंड के कुछ जिलों ने स्वीकार किया है और प्राकृतिक संसाधनों से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर गांवों की आय बढ़ाने की पहल की है. संथाल परगना के साहिबगंज समेत कई जिलों के साथ-साथ दक्षिणी छोटानागपुर के सिमडेगा में लोगों को पत्तल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

साहिबगंज के उपायुक्त ने कहा है कि जिला प्रशासन एवं वन विभाग के प्रयास से लॉकडाउन के दौरान महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. महिलाएं पत्ते से थाली बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. सिमडेगा के एसडीओ एवं सिमडेगा सदर के बीडीओ ने भी ऐसी ही पहल शुरू की है. दोनों अधिकारियों ने गांव की महिलाओं को पत्तल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है.

Also Read: Jharkhand News : लद्दाख और पूर्वोत्तर के राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों को एयरलिफ्ट करके लाया जाये, पढ़े झारखंड की टॉप 5 खबरें

एसडीओ कुंवर सिंह पाहन तथा सदर बीडीओ शशिंद्र बड़ाइक ने यह पहल की है, ताकि लॉकडाउन के कारण ग्रामीणों की कमाई खत्म न हो. अधिकारियों ने कहा है कि फंसे प्रवासियों के सिमडेगा आगमन पर पत्तल में ही भोजन परोसा जायेगा. इससे गांवों की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा.

इसके बाद से सिमडेगा के गांवों की महिलाओं ने सखुआ के पत्ते से प्लेट बनाना शुरू कर दिया है. गुरुवार को एसडीओ और बीडीओ गांवों में पत्तल से प्लेट बनाने के काम का जायजा लेने पहुंचे. एसडीओ श्री पाहन ने कहा कि पत्ते से बने प्लेट में खाना शुद्ध होता है.

Also Read: Jharkhand News : 31 मई तक सभी वस्तुओं की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी जायेगी, पढ़े झारखंड की टॉप 5 खबरें

उन्होंने कहा कि आज भी कई गांवों व छोटे शहरों में पत्तल या इससे बने प्लेट में भोजन करने की परंपरा है. शादी-ब्याह में भी बारातियों को पत्तल पर ही भोजन कराया जाता है. आधुनिकीकरण के इस दौर में धीरे-धीरे शादियों में प्लास्टिक एवं थर्मोकोल के प्लेटों का इस्तेमाल होने लगा है. हालांकि, ये स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हैं.

अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि भारत की पुरानी परंपरा को फिर से जीवंत करना होगा. पुरानी जीवनशैली को अपनाना होगा. जिस पत्तल की थाली में भोजन करते हैं, उससे हमें उसके औषधीय गुण भी प्राप्त होते हैं. बेहतर स्वास्थ्य के लिए पत्तल पर भोजन करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है.

Also Read: दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों और मजदूरों को वापस लाने के लिए 15 IAS अफसर नियुक्त, जानें किसे मिला किस राज्य का जिम्मा

एसडीओ ने कहा कि अब सिमडेगा जिला की सभी दुकानों, होटलों के साथ-साथ अन्य जगहों पर खाना खाने के लिए पत्ते की थाली का ही उपयोग होगा. इससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. इस मौके पर ग्रामीण महिलाओं ने एसडीओ और बीडीओ को सखुआ के पत्तल भेंट किये.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel