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इन 30 गांवों ने कोरोना वायरस को दी है मजबूती से टक्‍कर, इस तरह गांववालों ने खुद को रखा सुरक्षित

Not a single case of coronavirus so far in 30 AYUSH village of Madhya Pradesh : मध्‍य प्रदेश में 30 ऐसे गांव हैं जहां अभी तक कोरोना के एक भी केस नहीं आये है. मध्‍य प्रदेश के लगभग 50 जिले कोरोना से प्रभावित हैं, वैसे में 30 गांव कोरोना से सुरक्षित रहना बड़ी बात है. इन गांवों को आयुष ग्राम के नाम से जाना जाता है.

नयी दिल्‍ली : देश-दुनिया इस समय कोरोना के संक्रमण से पूरी तरह बेहाल हो चुका है. भारत में जहां मई की शुरुआत में मामले कम आ रहे थे, लेकिन अब यहां भी कोरोना वायरस के नये केस तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. बड़ी बात है कि अभी तक कोरोना का कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. न तो अभी तक कोई दवा मिली है और न ही वैक्सिन.

कोरोना वायरस से भारत के लगभग सभी राज्‍य संक्रमित हो चुके हैं. लेकिन इस बीच मध्‍य प्रदेश में 30 ऐसे गांव हैं जहां अभी तक कोरोना के एक भी केस नहीं आये हैं. मध्‍य प्रदेश के लगभग 50 जिले कोरोना से प्रभावित हैं, वैसे में 30 गांव कोरोना से सुरक्षित रहना बड़ी बात है. इन गांवों को आयुष ग्राम के नाम से जाना जाता है.

क्‍या है इन गांवों की खासियत और कैसे है कोरोना से मुक्‍त

कोरोना से मुक्‍त मध्‍य प्रदेश के ये 30 गांव कोई साधारण ग्राम नहीं हैं, बल्कि इन्‍हें आयुष विभाग की ओर से चिन्‍हित किया गया है. आज तक की रिपोर्ट की अगर मानें तो इन गांवों में लोगों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जागरुक किया जाता है. गांव में लोगों को देसी तरीके से ही रोगों के इलाज के लिए उपाय बताये जाते हैं. बताया जाता है कि इन गांवों में आयुष विभाग की ओर से काढ़े से लेकर आयुर्वेदिक दवाओं का वितरण किया जाता है.

बताया जाता है कि उन गांवों में लोग आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करते हैं और मौसमी साग-सब्‍जियों के साथ-साथ फल-फूल का सेवन करते हैं. यही कारण है कि जहां एक ओर देश का एक-एक शहर, गांव कोरोना के कहर से कराह रहा है, वहीं दूसरी ओर ये ‘आयुष ग्रांम’ अभी तक कोरोना को अपने यहां प्रवेश करने नहीं दिया है.

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खबर है आयुष विभाग की ओर से यहां एक-एक घर में जाकर लोगों का टेस्‍ट किया जाता है और लोगों को काढ़ा बांटा जाता है. घर-घर जाकर सेनेटाइज किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार यहां घर-घर लोग काढ़ा बनाते आपको दिख जाएंगे. उन 30 गांवों में एक गांव का नाम कालापानी है, वहां गांव के प्रवेश द्वार पर ही आयुष ग्राम का बोर्ड लगा मिल जाएगा.

आयुष विभाग के प्रभारी उपसंचालक डॉक्टर राजीव मिश्रा ने ‘आजतक’ के साथ बातचीत में बताया, कालापानी गांव की आबादी करीब 7 हजार 200 है. यहां आयुष विभाग की ओर से गांव वालों को आयुर्वेदिक दवाओं के सेवक के बारे में बताया जाता है और गांव वाले भी उनका पालन भी करते हैं. यही कारण है कि इन गांवों में अब तक कोरोना को कोई मामला नहीं आया है. मालूम हो कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयुष मंत्रालय की ओर से जो गाइडलाइन जारी किया गया है उसमें काढ़े की चर्चा की गयी है, जिससे लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है. इसके अलावा योग के बारे में भी बताया गया है रोगप्रतिरोधक क्षमका को बढ़ाने के लिए.

Posted by: arbind mishra

Prabhat Khabar Digital Desk
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