Sundargarh News: सुंदरगढ़ मेडिकल कालेज व अस्पताल में डॉक्टरों से लेकर अन्य कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े हैं. डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को उचित चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. एनटीपीसी ने सुंदरगढ़ में पांच मंजिला अस्पताल की स्थापना की थी. जिसे पूर्व राज्य सरकार ने सुंदरगढ़ सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में तब्दील किया था. लोगों में उम्मीद जगी थी कि 500 बिस्तरों वाले इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बनने के बाद उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी.
रात में मरीज को देखने नहीं आते हैं चिकित्सक, नर्स की भी कमी
जानकारी के अनुसार, इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 21 प्रोफेसर, 27 एसोसिएट प्रोफेसर, 47 असिस्टेंट प्रोफेसर, 39 सीनियर रेजिडेंट और 26 जूनियर रेजिडेंट यानी कुल 160 पद हैं, जिसमें वर्तमान 132 पद रिक्त हैं. इसमें प्रोफेसर के 24 पद समेत 19 एसोसिएट प्रोफेसर, 45 असिस्टेंट प्रोफेसर, 30 सीनियर रेजिडेंट और 24 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के पद शामिल हैं. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पांचवीं मंजिल पर फिजियोथेरेपी की जा रही है. आउटडोर भूतल पर है. बीच के चार वार्ड में मरीजों का इलाज चल रहा है. यहां इलाज के लिए आनेवाले लोगों की शिकायत है कि यहां इलाज करा रहे मरीजों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर रात में मरीजों को देखने नहीं आते. हर ब्लॉक में एक नर्स होनी चाहिए, लेकिन दो ब्लॉक में एक ही नर्स रह रही है. कोई मरीज एक बार इलाज के लिए यहां आया, तो दोबारा नहीं आना चाहता.
आपातकालीन विभाग व ब्लड बैंक नहीं
इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कोई आपातकालीन विभाग या ब्लड बैंक नहीं है. जब किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता होती है, तो उसके रिश्तेदारों को सुंदरगढ़ सरकारी मुख्य अस्पताल जाना पड़ता है. इसके अलावा सरकारी मुख्य अस्पताल में सभी सुविधाएं हैं, इसलिए मरीज इलाज के लिए वहां जाने को तैयार होते हैं, जबकि इस सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लंबे समय से डॉक्टरों का पद नहीं भरा गया है और मरीज को आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, इसलिए मरीजों और उनके रिश्तेदारों में भारी असंतोष है. सरकार से तुरंत डॉक्टरों के पद को भरने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की मांग हो रही है.
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