Bhubaneswar News: ओडिशा सरकार ने राज्य में हैजा और डायरिया के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक जागरूकता और निगरानी अभियान शुरू किया है. इस जलजनित बीमारी ने जाजपुर जिले में कई लोगों की जान ले ली है और सैकड़ों मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ मुकेश महालिंग ने ढेंकानाल स्थित भुवन सामुदायिक स्वास्थअय केंद्र में सोमवार को राज्य स्तरीय डायरिया निराकरण अभियान का शुभारंभ किया. इस अभियान के तहत 31 जुलाई तक राज्यभर में डायरिया के बारे में लोगों को जागरूक किया जायेगा.
लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
डॉ महालिंग ने कहा कि राज्य के लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ओडिशा सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. डायरिया की संभावित परिस्थिति को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री मोहन माझी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पूरी तैयारी करने समेत आवश्यक कदम उठाया है. जमीनी स्तर पर जागरुकता को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह अभियान चलाया जा रहा है. उन्नत स्वास्थ्य सेवा, आवश्यक संरचना, निराकरण उपाय के साथ ही लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने लोगों से वर्तमान परिस्थिति में भयभीत होने के बजाय सतर्क और सजग रहने की अपील की. इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने डायरिया निराकरण जागरुकता रथ को झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर ढेंकानाल सांसद रुद्र नारायण पाणि, कामाख्यानगर विधायक शत्रुघ्न जेना, परजंग विधायक विभूति भूषण प्रधान, हिंदोल विधायक सीमारानी नायक, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण विभाग के मंत्री के प्रतिनिधि, जिलापाल व अन्य उपस्थित थे.
जाजपुर : स्वास्थ्य सचिव ने की समीक्षा बैठक, स्थिति का लिया जायजा
इधर, सोमवार को राज्य की स्वास्थ्य सचिव अस्वथी एस ने जाजपुर जिले का दौरा कर जमीनी स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने विभिन्न अस्पतालों का निरीक्षण किया और जिला कलेक्टर कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में बताया गया कि दूषित पेयजल इस प्रकोप का प्रमुख कारण है, हालांकि अन्य संभावित कारणों की भी जांच की जा रही है. इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि पानी की गुणवत्ता में गड़बड़ी इस प्रकोप का मुख्य कारण प्रतीत होती है. जांच टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं और प्रभावित इलाकों में आवश्यक स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय लागू किये गये हैं. राज्य सरकार ने आज से ‘स्टॉप डायरिया’ अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना, समय पर इलाज सुनिश्चित करना और स्वच्छता के माध्यम से बीमारी को फैलने से रोकना है.बासी मछली रखने और पकाने पर 3000 रुपये जुर्माना लगाया
शहर में डायरिया के बढ़ते मामलों और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को देखते हुए भुवनेश्वर महानगर निगम (बीएमसी) ने खाद्य सुरक्षा विभाग के सहयोग से सोमवार को एक विशेष अभियान चलाया. इस अभियान के तहत शहर भर के फूड स्टॉल, होटल और रेस्तरां में साफ-सफाई और खाद्य सुरक्षा मानकों की जांच की गयी. बीएमसी की टीमों ने सम अस्पताल के आसपास के इलाकों में अचानक छापेमारी कर फुटपाथी दुकानों, फल विक्रेताओं और छोटे भोजनालयों की जांच की. इस दौरान टीमों ने बासी मछली, एक्सपायरी ब्रेड और रंग मिले खाद्य पदार्थ जब्त कर मौके पर ही नष्ट कर दिये. एक होटल पर बासी मछली रखने और पकाने के आरोप में 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि कई अन्य विक्रेताओं को गंदगी व अस्वच्छता के कारण चेतावनी दी गयी या दंडित किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है