Rourkela News: 15 साल पहले बनी राजगांगपुर सब जेल को आखिरकार सरकार ने स्थायी तौर पर बंद करने का निर्णय लिया है. वैसे राज्य सरकार ने राज्य की आठ सब जेल को बंद करने का निर्णय लिया है, जिसमें राजगांगपुर सब जेल भी शामिल है. अन्य में कोरापुट जिला की लक्ष्मीपुर, गंजाम जिला की पात्रपुर, कटक जिला की आठगढ़, मालकिनगिरी जिला की एमबी79, रायगड़ा जिला की काशीपुर सब जेल शामिल है.
पांच करोड़ की लागत से हुआ था निर्माण, 10 मार्च 2020 को हुआ था उद्घाटन
पांच करोड़ की लागत से पहाड़ की तलहटी में स्थित वार्ड नंबर-7 ब्लॉक कार्यालय के सामने इस जेल का निर्माण पांच एकड़ भूमि में किया गया था. इसमें कैदियों को रखने के लिए बैरक व जेल कैंपस के भीतर ही कर्मचारियों के रहने के लिए स्टाफ क्वार्टर बनाया गया था. इसका उद्घाटन 10 मार्च, 2010 किया गया था. जेल में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले लगभग 15 से 20 कैदियों को रखा भी गया था. लेकिन एक साल बाद ही सुरक्षा कारणों से इसे बंद कर दिया गया.
अधिकारियों ने बताया असुरक्षित, खंडहर में हो चुकी थी तब्दील
अधिकारियों की ओर से हवाला दिया गया है कि यह जेल पहाड़ की तलहटी में बनी है, जिस कारण जेल की पूरी गतिविधि पर पहाड़ के ऊपर से आसानी से नजर रखी जा सकती है. इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने भी इस सब-जेल को असुरक्षित मानते हुए इसे बंद करने का निर्देश दिया. पहाड़ पहले से ही था आखिर अधिकारियों की नजर जेल के निर्माण के पहले क्यों नहीं पड़ी, यह सवाल उठ रहे हैं. कैदी न होने के बावजूद यहां कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी थी. इन 15 सालों में जेल एक खंडहर में तब्दील हो चुकी है. अगर जल्द ही इसको दूसरे कार्य के लिए इस्तेमाल में नहीं लाया जाता है, तो पूरे जेल की एक-एक ईंट गायब होने की आशंका है. इसे पुलिस बैरक या ट्रेनिंग कैंप बनाने की राय बुद्धिजीवियों ने दी है.
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