Sambalpur News: राजबोड़ासांबार किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और बरगढ़ उपजिलापाल ने नये धान की बिक्री के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के मुद्दे पर गुरुवार को एक घंटे तक चर्चा की. संगठन ने आरोप लगाया कि इस नयी प्रक्रिया में कई त्रुटियां हैं. साथ ही ऐसे कागजात मांगे जा रहे हैं, जिसे दे पाना सभी के लिए असंभव है. किसान संगठनों ने कहा कि इस प्रक्रिया के कारण धान बेचने के लिए योग्य किसानों का पंजीकरण नहीं हो सकेगा और बिचौलियों की संख्या बढ़ेगी.
किसान अपनी उपज कम मूल्य पर बेचने को विवश होंगे
किसान संगठनों ने कहा कि नये नियम से किसान अपनी उपज कम मूल्य पर बेचने को विवश होंगे. उन्होंने कहा कि किसान कृषि कार्य के लिए लिया गया कर्ज नहीं चुका पायेंगे, खाद्यान्न संकट होगा और कृषि अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित होगी. अतः इस केंद्रीकृत व्यवस्था को बंद किया जाये और किसानों को स्वघोषणा पत्र देकर पंजीकरण कराया जाये. वहीं जालसाजी कर व गलत कागजात देकर पंजीकरण कराने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. संगठन ने एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर को सौंपा है. कहा है कि अगर मंगलवार तक इसका समाधान नहीं किया गया, तो हम एनएच जाम करने के लिए विवश होंगे. बैठक में संगठन के संयोजक अशोक साहू, अजीत शतपथी, पंचानन साहू, सुभाष सामंतराय, कैलाश बारिक, रोहित साहू, दहित साहू, लिंगराज पधान, अरविंद पंडा, आनंद पधान, सामंत साहू, सुभाष पंडा, पर्वत साहू, प्रेमराज साहू, महेंद्र साहू, महेंद्र पधान, दिलीप बेहरा और संयुक्त कृषक संगठन के सलाहकार रमेश महापात्रा और छह ब्लॉकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे. बाद में उपजिलापाल स्नेहा अरगुल ने पंजीकरण प्रणाली को आसान और सरल बनाने के लिए कदम उठाने का वादा किया, ताकि सभी किसान पंजीकरण करा सकें.
झारसुगुड़ा : किसानों के प्रति असंवेदनशील है राज्य सरकार : किसान संगठन
झारसुगुड़ा के एक होटल में गुरुवार को जिला कृषक संगठन की ओर से प्रेसवार्ता कर सरकार की किसान विरोधी नीति के बारे में में विस्तार से जानकारी दी गयी. संगठन के प्रवक्ता विरेंची साहू ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार खुद को किसानों का हमदर्द बता रही हैं, मगर हकीकत कुछ और ही है. सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील नीति अपना रही है. अभी खेती का समय है और खेती का काम जब तक समाप्त नहीं होता, तब तक किसान कैसे अपने पंजीकरण करायेगा. सरकार को इस पर विशेष ध्यान देकर उपयुक्त निर्देश जारी करना चाहिए. पंजीकरण की व्यवस्था को पहले की तरह किया जाये. वर्तमान समितियों में एक साथ का वितरण व पंजीकरण का काम चल रहा है, जिससे भारी भीड़ रहती है. जिससे किसानों को काम छोड़ कर वहां खड़ा रहना पड़ता है. सरकार सही समय में सही नीति नहीं अपना कर एक समय में ही सभी काम समितियों पर थोप दी है, जो गलत है. धान खरीद की प्रक्रिया को सरल बनाया जाये, सहकारी समिति में कर्मचारी व बुनियादी संरचना को बढ़ाया जाये तथा किसानों को आवश्यक मात्रा में खाद उपलब्ध करायी जाये. हमारी मांग है कि सरकार किसानों की स्थिति को समझ कर नीति नियम बनाये और नकली किसानों कि पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाये. साथ ही संगठन के अध्यक्ष दिलीप बढ़ई ने चेतावनी भी दी कि अगर सरकार समिति की मांग नहीं मानती, तो हम आर्थिक नाकाबंदी कर सरकार को अचल कर देंगे. प्रेसवार्ता में संगठन के सचिव सुरेंद्र साहू, दिलीप कुमार पटेल, गोपीनाथ मांझी, विंबाधर बढ़ई, हेम सागर कुम्हरा सहित अन्य पदाधिकारी मंचासीन थे. प्रेसवार्ता के बाद संगठन की ओर मुख्यमंत्री के सात सूत्री मांगपत्र जिलाधीश को सौंपा गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है