Rourkela News: बंडामुंडा आरएस कॉलोनी में शनिवार को रथ यात्रा धूमधाम से निकाली गयी. आरएस कॉलोनी जगन्नाथ मंदिर से निकली इस रथ यात्रा में महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र का दर्शन करने व रथ खींचने का पुण्य प्राप्त करने को लेकर भक्तों में होड़ दिखी.
नीतियों का पालन कर देवताओं को रथ पर आरूढ़ कराया
शनिवार सुबह जगन्नाथ मंदिर में पारंपरिक रीति-नीति के अनुसार पूजा के बाद महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के विग्रह पहंडी बिजे कर रथ तक लाये गये. छेरा पहंरा किया गया. जिसके बाद रथ यात्रा निकाली गयी. रथयात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था व शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए बंडामुंडा पुलिस की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे. यह रथयात्रा जगन्नाथ मंदिर से निकलने के बाद आरएस कॉलोनी ए ब्लॉक स्थित मौसीबाड़ी पहुंची.
लुआकेरा और तुमकेला में निकली रथ यात्रा, भक्तों में दिखा उत्साह
रघुनाथपाली विधानसभा क्षेत्र में इस्पात नगरी के लुआकेरा और तुमकेला में शनिवार को पवित्र रथ यात्रा धूमधाम से निकाली गयी. रघुनाथपाली विधायक दुर्गा चरण तांती ने स्वयं यात्रा में भाग लिया और महाप्रभु का रथ खींचा. उन्होंने क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए प्रभु के समक्ष प्रार्थना की. यात्रा में शामिल भक्तों को प्रसाद और सरबत वितरित किया गया. सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया. गौरतलब है कि शहर में कई स्थानों पर शुक्रवार को रथयात्रा निकाली गयी, तो कुछ जगहों पर शनिवार को यात्रा निकली. हालांकि दोनों ही दिन श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर रहा. बच्चों, महिलाओं ने भी इसमें भाग लिया और भगवान के रथ को खींचकर आशीर्वाद लिया. इस दौरान पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी, जबकि सामाजिक संगठनों की ओर से सेवा कार्य किये गये.मौसीबाड़ी में महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र का सेवा सत्कार शुरू
दक्षिण राउरकेला में शुक्रवार की शाम रथ यात्रा में महाप्रभु जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ मौसीबाड़ी पहुंचे हैं. गुंडिचा मंदिरों (मौसीबाड़ी) में शनिवार से चतुर्धा मूर्ति की पूजा प्रारंभ हो गयी है. आइडीएल प्लांट के पास स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर का रथ असुरछापाल गुंडिचा मंदिर पहुंचा है. शनिवार से यहां महिला सेवकों ने देवताओं की सेवा शुरू की है. इस मंदिर में 40 वर्षों से महाप्रबु जगन्नाथ की सेवा होती आ रही है. शुक्रवार को रथ के यहां पहुंचने के बाद भगवान को भक्त मंदिर के अंदर ले गये. सुबह में पुजारी हरिहर पंडा ने भोग लगाया. दोपहर में भाेग लगाने के बाद शाम को बालू भोग के बाद अनुष्ठान कर शयन नित्यकर्म किया गया. यहां के अध्यक्ष दुखिया सिंह बताते हैं कि चार दशक से हम ग्रामीण निजी खर्च पर नौ दिनों तक भगवान की सेवा करते आ रहे हैं. यहां महिला श्रद्धालु भगवान की पूजा का इंतजाम संभालती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है