Sambalpur News: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ बैठक कर ओडिशा के संबलपुर चिड़ियाघर को विकसित करने की जरूरत पर चर्चा की. श्री प्रधान ने नगर वन योजना (एनवीओवाइ) के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र संबलपुर-झारसुगुड़ा-ब्रजराजनगर तथा कोयला खनन क्षेत्र अनुगूल-ढेंकानाल और गर्मी से प्रभावित क्षेत्र टिटलागढ़ और बलांगीर को नगर वन के रूप में विकसित करने के लिए त्वरित कदम उठाने की मांग की. साथ ही उन्होंने संबलपुर चिड़ियाघर के विस्तार और देब्रीगढ़ अभयारण्य को बाघ अभयारण्य क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए भी व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है.
पौधरोपण और पर्यावरण शिक्षा में समुदाय की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
श्री प्रधान ने इस विषय में दो अलग-अलग पत्र संबंधित मंत्रालय को सौंपे हैं, जिनमें उल्लेख किया गया है कि संबलपुर-झारसुगुड़ा-ब्रजराजनगर, अनुगूल-ढेंकानाल, टिटलागढ़ और बलांगीर क्षेत्र जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी का सामना कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शहरी निकायों, नगर निगम, नगर परिषद, नगरपालिका या शहरी क्षेत्र की संस्थाओं के माध्यम से शहरी वन विकास के लिए नगर वन योजना लागू की गयी है, जो सराहनीय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का ‘एक पृथ्वी, अनेक प्रयास’ दृष्टिकोण इस योजना के साथ समन्वय में है, जिससे शहरी क्षेत्रों में नगर वन की स्थापना पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक कल्याण सुनिश्चित करने में मदद करेगी. पर्यावरण के लिए जीवनशैली को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा किया गया आह्वान हमारे ग्रह की रक्षा के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के महत्व को रेखांकित करता है. इसी संदर्भ में श्री प्रधान ने प्रस्ताव रखा है कि आगामी पांच जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस से पहले पौधरोपण और पर्यावरण शिक्षा में समुदाय की अधिक भागीदारी के लिए एक व्यापक जनजागरूकता अभियान शुरू किया जाये. यह कदम उपरोक्त क्षेत्रों में नगर वन योजना के व्यापक क्रियान्वयन के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा.
चीता, भालू और अजगर समेत 15 प्रजातियों के 333 वन्यजीव हैं संबलपुर चिड़ियाघर में
एक अलग पत्र में श्री प्रधान ने उल्लेख किया है कि वर्ष 2023 में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने संबलपुर चिड़ियाघर को ‘संबलपुर चिड़ियाघर एवं संरक्षण केंद्र’ के रूप में घोषित किया था. 1980 में स्थापित यह चिड़ियाघर एक सामान्य हिरण पार्क से विकसित होकर अब वन्यजीव संरक्षण एवं जनसामान्य की शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है. वर्तमान में यह चिड़ियाघर मोतिझरना संरक्षित जंगल के भीतर 13 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है. इस चिड़ियाघर में चीता, भालू, अजगर और मोर सहित कुल 15 प्रजातियों के 333 जानवर रखे गए हैं। वर्ष 2022 में, प्राणी उद्यान मूल्यांकन समिति ने संबलपुर चिड़ियाघर को मध्यम श्रेणी के चिड़ियाघर के रूप में उन्नत करने की सिफारिश की थी, जिसके तहत लगभग 18 से 20 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को इसमें जोड़ा गया, जो मोतिझरना संरक्षित जंगल का ही हिस्सा है. इस चिड़ियाघर के विस्तार से नयी प्रजातियों के जानवरों को लाया जा सकेगा. साथ ही शैक्षणिक व अनुसंधान सुविधाओं का विकास भी संभव होगा. यह योजना 2023-24 के लिए स्वीकृत चिड़ियाघर मास्टर प्लान के अनुरूप है, जिसमें 48 प्रजातियों को शामिल करने की परिकल्पना की गयी है.संबलपुर चिड़ियाघर के प्रस्तावित विस्तार और उन्नयन को आसान बनाने का किया अनुरोध
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की स्वीकृति के अनुरूप, संबलपुर चिड़ियाघर पहले ही नंदनकानन चिड़ियाघर के साथ पशु विनिमय कार्यक्रम और देब्रीगढ़ अभयारण्य के साथ स्थानांतरण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित कर चुका है. वन्यजीव संरक्षण और जनसामान्य की शिक्षा के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए संबलपुर चिड़ियाघर कई नये आकर्षणों को शामिल करने की योजना बना रहा है, जिसमें नाइट सफारी, अफ्रीकी पेंगुइन जैसे जलजीव, मरुस्थलीय एवं वर्षाजल आधारित बायोडोम, छोटे बंदरों के एनक्लोजर में चलने की व्यवस्था तथा पक्षी पालन आदि शामिल हैं. इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य दर्शकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करना और विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्रों के बारे में जागरूकता फैलाना है. इन विकास योजनाओं को ध्यान में रखते हुए श्री प्रधान ने संबलपुर चिड़ियाघर के प्रस्तावित विस्तार और उन्नयन को आसान बनाने का अनुरोध किया है. इससे यह चिड़ियाघर वन्यजीव संरक्षण और शिक्षा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में अपनी भूमिका को और सुदृढ़ कर सकेगा. इसी तरह, श्री प्रधान ने देब्रीगढ़ अभयारण्य में बाघों की संख्या कैसे बढ़ाई जा सकती है और बाघ संरक्षण कैसे संभव हो सकता है, इस दिशा में भी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री से चर्चा की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है