Rourkela News: नक्सलियों द्वारा विस्फोटकों की लूटपाट के बाद कारोबारी श्रवण अग्रवाल के अवैध कारोबार का चिट्ठा अब खुलकर सामने आने वाला है. जीएसटी विभाग की जांच में पता चला है कि श्रवण ने पिछले दो महीनों में करीब 78 लाख रुपये का विस्फोटक अवैध तरीके से बेचे हैं. 78 लाख रुपये के विस्फोटक कौन ले गया और इसका कहां इस्तेमाल हुआ, इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. सालों से अवैध तरीके से बेचे जा रहे विस्फोटक माओवादियों के हाथ तो नहीं लगे हैं, यह सवाल भी उठ रहा है.
2013 से विस्फोटकों का कारोबार कर रहा था श्रवण
जानकारी के अनुसार बसंती कॉलोनी में रहने वाले श्रवण अग्रवाल 2013 से विस्फोटकों का कारोबार कर रहे हैं. बसंती कॉलोनी स्थित अपने घर पर श्रवण ने अपने नाम से गर्ग ब्लास्ट सर्विसेज और अपनी पत्नी के नाम से एक और कंपनी खोली है. दोनों कंपनियां जीएसटी रजिस्टर्ड हैं. उन्होंने बड़गांव में दो गोदाम खोले हैं. श्रवण ने दो कंपनियों के विस्फोटक लाइसेंस हासिल किये हैं. वह महाराष्ट्र के वर्धा व तेलंगाना के हैदराबाद की दो कंपनियों से विस्फोटक खरीद रहे हैं. लेकिन जांच में पता चला कि श्रवण ने किसी नियम-कायदे का पालन नहीं किया. वह ज्यादातर विस्फोटक अपनी पत्नी की फर्म के नाम से खरीदता था. कुछ अपनी फर्म के नाम से खरीदता था. लेकिन बिक्री के दौरान श्रवण ने कानून की अनदेखी की. जिसने भी मांगा, उसे बेच दिया.
तीन महीने में केवल तीन कारोबारियों को वैध तरीके से बेचे विस्फोटक
जांच में पता चला है कि श्रवण ने पिछले तीन महीने में करीब 20 लाख रुपये के विस्फोटक वैध रूप से तीन कारोबारियों को बेचे हैं. ये तीन फर्म हैं कलुंगा के पास बलंडा में धनलक्ष्मी माइंस, छेंड कॉलोनी में पूर्णेश्वरी प्रोजेक्ट और चंडीखोल में साहू इंटरप्राइजेज. इन तीनों फर्मों को विस्फोटक बेचते समय सरकारी नियम-कायदों का पालन किया गया. लेकिन इस बात का कोई हिसाब नहीं है कि श्रवण ने पिछले दो महीने में करीब 78 लाख रुपये के विस्फोटक किसे बेचे. अलग-अलग व्यक्तियों से लेकर कुछ कारोबारी फर्मों तक ने नकद विस्फोटक खरीदे हैं. खरीदार कौन हैं और उन्होंने इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक क्यों खरीदे, इस बारे में श्रवण ने कुछ नहीं बताया है, जिससे जांच अधिकारी असमंजस में हैं. इन विस्फोटकों का इस्तेमाल खास तौर पर खनन कार्य में होता है. जिन पट्टाधारकों को खदान का पट्टा दिया गया है, वे सरकारी नियमों के दायरे में रहकर विस्फोटक खरीदते हैं.
आयकर विभाग और इडी से मामले की जांच कराने की हो रही है मांग
इस बात को लेकर संशय बढ़ रहा है कि श्रवण ने पिछले दो महीने में जो विस्फोटक बेचे, वे अब कहां हैं और उनका क्या इस्तेमाल होगा. अगर दो महीने में 78 लाख रुपये का अवैध लेन-देन पकड़ा गया है, तो अब यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि पिछले 12 साल में कितने अवैध विस्फोटकों का कारोबार हुआ है. दूसरी ओर, जीएसटी विभाग को शक है कि इस अवैध लेन-देन के जरिये बड़ी मात्रा में काली कमाई की गयी है, क्योंकि इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है कि किसने कितने किलो विस्फोटक और कितने पैसों में खरीदे, क्योंकि सारे लेन-देन नकद में हुए. इसलिए अब आयकर विभाग और इडी से मामले की जांच कराने की मांग हो रही है. गौरतलब है कि पिछले महीने की 27 तारीख को श्रवण का बड़गांव से कोइड़ा थाना अंतर्गत बांको पत्थर खदान में ले जाया जा रहा करीब पांच टन विस्फोटक माओवादियों ने लूट लिया था. उस घटना की जांच के बाद श्रवण अग्रवाल के अवैध विस्फोटक लेन-देन से पर्दा उठ गया है. अवैध लेन-देन मामले में श्रवण को पुलिस ने करीब आठ दिन पहले गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह राउरकेला जेल में है.
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