Bhubaneswar News: उत्तरी ओडिशा में प्रमुख नदियों के उफान पर होने के कारण राज्य सरकार ने निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है तथा बालेश्वर और मयूरभंज जिलों में बचाव एवं राहत अभियान शुरू किया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. राज्य सरकार ने दोनों जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, क्योंकि सुवर्णरेखा, बुढ़ाबलंग, जलाका और सोना जैसी नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
सुवर्णरेखा का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सोमवार को दोपहर में राजघाट पर सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर 11.53 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 10.36 मीटर से काफी ऊपर है. बालेश्वर के कम से कम चार प्रखंडों बलियापाल, भोगराई, जलेश्वर और बस्ता के प्रभावित होने की आशंका है. अधिकारियों के अनुसार, बुढ़ाबलंग नदी के कारण बालेश्वर नगरपालिका और सदर क्षेत्रों में बाढ़ आने का खतरा है, जबकि जलाका नदी के पानी के कारण बस्ता और बालेश्वर सदर क्षेत्रों के प्रभावित होने की आशंका है. इसी तरह, मठानी में जलका नदी का जलस्तर 6.84 मीटर दर्ज किया गया है, जो कि खतरे के निशान 6.50 मीटर से थोड़ा अधिक है. विभाग ने इसे भी सतर्कता का संकेत माना है. वहीं एनएच-5 पर बुढ़ाबलंग नदी का जलस्तर 7.20 मीटर पर है, जबकि उसका खतरे का निशान 8.13 मीटर है. राहत की बात यह है कि इस नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है.
ओडिशा में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में : सुरेश पुजारी
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के बाद संवाददाताओं को बताया कि बाढ़ के पानी ने बालेश्वर और मयूरभंज के कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया है. जिला प्रशासन ने निचले और बाढ़ संभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है. बचाव और राहत अभियान जारी है. स्थिति नियंत्रण में है. मंत्री ने कहा कि सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है, जबकि बुढ़ाबलंग का जलस्तर घट रहा है. मंत्री ने बाढ़ के लिए पड़ोसी झारखंड के चांडिल बांध और गालूडीही बैराज से बारिश का पानी छोड़े जाने को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि कर्मचारी नदी तटबंधों के संवेदनशील बिंदुओं की निगरानी कर रहे हैं और उन्हें मयूरभंज और बालेश्वर, दोनों जिलों में बाढ़-रोधी सामग्रियों से लैस किया गया है. मुख्य अभियंता बालेश्वर और मयूरभंज के जिलाधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं.
नदी के किनारों पर दरारों की पहचान की गयी, मरम्मत जारी
मंत्री ने कहा कि नदी के किनारों पर कुछ दरारों की पहचान की गयी है और रेत की बोरियों तथा अन्य सामग्रियों का उपयोग करके उनकी मरम्मत की जा रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को निकालकर आश्रय स्थलों में रखा गया है. मंत्री ने कहा कि ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) और अग्निशमन सेवा के कर्मी बचाव एवं राहत अभियान में लगे हुए हैं. बालेश्वर जिले के आपातकालीन कार्यालय के अनुसार, अब तक 35 ग्राम पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं तथा सुवर्णरेखा का पानी और अधिक क्षेत्रों को जलमग्न कर सकता है. अधिकारी ने बताया कि सोमवार सुबह तक बालेश्वर में 1,138 लोगों को निकाला जा चुका था. जिले में ओडीआरएएफ की चार टीम और अग्निशमन सेवा की पांच टीम तैनात की गयी हैं. मयूरभंज जिले में सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र सोमवार को बंद रहे. इस बीच, आइएमडी ने पांच जुलाई तक पूरे राज्य में और बारिश का अनुमान जताया है.
मुख्य अभियंता ने कहा-अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ने चेतावनी दी है कि आगामी 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होंगे और जलस्तर आगामी वर्षा पर निर्भर करेगा. मुख्य अभियंता ने कहा कि स्थिति लगातार बदल रही है. अगले 24 घंटे अत्यंत निर्णायक हैं और यदि झारखंड या उत्तरी ओडिशा में फिर से भारी बारिश होती है, तो जलस्तर में फिर से वृद्धि हो सकती है. जल संसाधन विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाये हुए है और स्थानीय प्रशासन तथा आपदा प्रबंधन एजेंसियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, भारत मौसम विज्ञान विभाग के साथ समन्वय कर लगातार अपडेट प्राप्त किये जा रहे हैं. विभाग ने नदी किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से आग्रह किया है कि वे प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें और आवश्यक होने पर सुरक्षित स्थानों की ओर प्रस्थान करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है