Bhubaneswar News: ओडिशा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मुकेश महालिंग ने रविवार को जाजपुर स्थित जिलाधिकारी सम्मेलन कक्ष में डायरिया की रोकथाम और नियंत्रण को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती तथा डायरिया के समूल उन्मूलन के लिए प्रभावी रणनीतियों पर चर्चा की गयी.
रोगियों को समय पर और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करें
डॉ महालिंग ने बैठक में उपस्थित डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया कि वे रोगियों को समय पर और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करें तथा उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण और सम्मानजनक व्यवहार करें. उन्होंने डायरिया से बचाव को लेकर घर-घर जाकर जागरुकता अभियान तेज करने की आवश्यकता पर भी बल दिया. जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे गांवों में पीने के पानी की शुद्धीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें और प्रत्येक गांव में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनजागरुकता बढ़ायें.
अस्पताल में डायरिया पीड़ितों से की मुलाकात की
बैठक के उपरांत डॉ महालिंग ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों व अन्य अधिकारियों के साथ जाजपुर रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया. यहां उन्होंने डायरिया से पीड़ित रोगियों के इलाज और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की. स्वास्थ्य मंत्री ने सभी नागरिकों खुद जागरूक रहने और दूसरों को भी जागरूक करने की अपील की. कहा कि प्रत्येक जीवन अनमोल है. आइए हम सब मिलकर एकजुट हों और एक-दूसरे की सुरक्षा और सहायता करें. प्रशासन के साथ सहयोग करें, ताकि जनस्वास्थ्य की रक्षा की जा सके.
आवास एवं शहरी विकास विभाग ने जारी किया हाई अलर्ट
राज्य के विभिन्न जिलों से डायरिया के बढ़ते मामलों की सूचना मिलने के बाद आवास एवं शहरी विकास विभाग ने सभी शहरी स्थानीय निकायों और जिला स्तरीय अधिकारियों को सतर्क करते हुए तत्काल रोकथाम और प्रतिक्रिया संबंधी उपाय लागू करने के निर्देश जारी किये हैं. विभाग की प्रधान सचिव उषा पाढ़ी ने सभी जलस्रोतों की स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों के संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ाने और वास्तविक समय में स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं. जिला प्रभारी वरिष्ठ अधिकारियों को जमीनी स्थिति पर करीबी निगरानी रखने और किसी भी संभावित क्लस्टर या सामूहिक संक्रमण की जानकारी तुरंत साझा करने को कहा गया है. श्रीमती पाढ़ी ने कहा कि रोकथाम ही सबसे प्रभावी उपाय है. हमें त्वरित और समन्वित कार्रवाई के माध्यम से समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. जारी दिशा-निर्देशों में पीने के पानी के स्रोतों की तत्काल जांच और स्वच्छता सुनिश्चित करना, संभावित हॉट स्पॉट्स की पहचान कर त्वरित कार्रवाई करना, स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बनाये रखना, फील्ड स्टाफ को जागरूक करना और समुदाय को स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बनाना मुख्य है.
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