Bhubaneswar News: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के अवदाब में तब्दील होने के कारण ओडिशा में शुक्रवार से 28 जुलाई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान किया है. मयूरभंज और क्योंझर जिलों में भारी वर्षा के लिए ‘रेड अलर्ट’ और 10 अन्य जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. विशेष राहत आयुक्त कार्यालय ने जिलाधिकारियों को संभावित स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक तंत्र को तैयार रखने को कहा है.
मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की दी गयी चेतावनी
अधिकारियों ने बताया कि इसके प्रभाव के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा, जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश (21 सेंटीमीटर से अधिक) होने की संभावना है. आईएमडी के बुलेटिन के अनुसार, राज्य में 26 से 28 जुलाई के बीच अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. विशेषज्ञों के अनुसार, अवदाब एक मौसम प्रणाली है जो आमतौर पर आसमान में बादल छाये रहने, नमी और हवा की गति वाली स्थितियों से चिह्नित होती है. बुलेटिन में कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर में बना कम दबाव का क्षेत्र एक अवदाब में परिवर्तित हो गया है. मौसम विभाग ने कहा कि इसके 25 जुलाई की दोपहर तक पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने तथा पश्चिम बंगाल और उससे लगे बांग्लादेश के तटों को पार करने की संभावना है. इसके बाद, अगले 24 घंटों के दौरान इसके पश्चिम बंगाल और उससे लगे उत्तरी ओडिशा व झारखंड में पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है. मछुआरों को 28 जुलाई तक उत्तरी तट के समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है.
भारी बारिश को लेकर मयूरभंज में बंद रहे स्कूल
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) की ओर से मयूरभंज जिले के लिए भारी वर्षा की चेतावनी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों को बंद रखा. यह निर्णय बंगाल की खाड़ी में बने गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण लिया गया है, जो अब एक डिप्रेशन में परिवर्तित हो चुका है. आगामी 12 घंटों के दौरान जिले में अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना जतायी गयी है, जिसके चलते मौसम विभाग ने मयूरभंज के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सभी स्कूलों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्कूलों से संलग्न छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को तत्काल कच्चे घरों से सुरक्षित पक्के भवनों में स्थानांतरित करें. इसके अलावा, जर्जर या क्षतिग्रस्त कक्षाओं का उपयोग न करने के निर्देश भी दिये गये हैं, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके. प्रशासन स्थिति पर करीबी निगरानी रखे हुए है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है