Rourkela News : झारखंड के चक्रधरपुर से ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले को जोड़नेवाले एनएच-320डी का निर्माण धीमा पड़ने का मामला हाल ही में मीडिया में उछलने के बाद एनएच विभाग हरकत में आया है. विभाग ने इसकी जद में आने वाले मकानों व दुकानों को हटाने के लिए सात दिनों की मोहलत दी है. 21 से 26 मई के बीच इन्हें स्वत: नहीं हटाया गया, तो विभाग की ओर से कार्रवाई की बात कही गयी है.
आदेश नहीं मानने पर होगी विभागीय कार्रवाई
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएनएचआइ) विभाग की ओर से बुधवार सुबह माइक से प्रचार कर एनएच 320डी की जद में आनेवाली सभी दुकानों व मकानों के मालिकों को एक सप्ताह के भीतर जमीन खाली करने का फरमान सुनाया गया. इससे मकान व दुकान मालिकों में हड़कंप है. एनएच विभाग की ओर से कहा गया है कि कुछ महीने पहले विभाग द्वारा सड़क किनारे जिन दुकानों व घरों को चिह्नित किया गया है, उनके मालिक सात दिन के अंदर खुद अपना सामान हटा दें, अन्यथा विभागीय कार्रवाई की जायेगी. इसके बाद एनएच विभाग की ओर से निर्माण कार्य शुरू किये जाने की संभावना है.
राउरकेला : पावर हाउस रोड के 22 दुकानदारों को 28 मई तक मिली मोहलत
पावर हाउस रोड में बुधवार को दो दर्जन के लगभग दुकानों को हटाने के लिए राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) की इंफोर्समेंट टीम पुलिस के साथ पहुंची. दुकानदारों को उनकी जगह खाली करने को कहा गया. जिसके बाद दुकानदारों ने निगम के आयुक्त आशुतोष कुलकर्णी और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप राय से मामले में हस्तक्षेप का निवेदन किया. दुकानदारों को सामान हटाने के लिए कुछ समय दिये जाने पर सहमति बनी और तय किया गया कि सात दिनों की मोहलत सभी को दी जा रही है, ताकि वे अपनी दुकानों को खाली कर दें. निगम की ओर से बताया गया कि 28 मई तक सभी दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें हटा लें वरना 29 मई को बलपूर्वक इसे हटाया जायेगा.
नवंबर में भी मिली थी नोटिस
दुकानदारों को हटाने के लिए नवंबर, 2024 में भी नोटिस दी गयी थी. उस समय भी बताया गया था कि सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा कर यह दुकानें चल रही हैं, लिहाजा यहां से हट जाये. हालांकि उसके बाद दुकानें नहीं हटीं और वर्ष 2025 में चुनाव की सरगर्मी शुरू होने के बाद इसपर एक तरह से चुप्पी साध ली गयी थी. लेकिन अब निगम फिर से हरकत में आया है और दुकानोंं को खाली करने के लिए कवायद शुरू कर दी गयी है. जिसके तहत दुकानदारों को पहले नोटिस फिर दुकान हटाने के लिए प्रशासन मौके पर पहुंचा था.25 साल से चला रहे हैं दुकान
दुकानदारों ने दावा किया कि उनकी दुकानें यहां पर 25 सालों से चल रही हैं. ज्यादातर दुकानें चाय, नाश्ते और छोटे-मोटे मरम्मत कार्य से जुड़े लोगों की हैं. दुकानदारों का कहना है कि अचानक उन्हें हटाये जाने से उनके सामने दो जून की रोटी की नयी चुनौती होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है