Rourkela News : बलंडा गांव से लापता अंशुमन दास तेरह दिनों के बाद मुंबई के पश्चिम दादर इलाके में मिला. वहां से वापस राउरकेला पहुंच गया है. अंशुमन ने परिवार को बताया कि जिस दिन वह लापता हुआ था, उस दिन वह ट्रेन से पहले टाटानगर पहुंचा. वहां से उसने मुंबई के लिए एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ी और दादर स्टेशन पर उतर गया. वह दो दिनों तक स्टेशन के आसपास के इलाके में वह घूमता रहा. इस दौरान वहां पर ओडिशा के जलेश्वर इलाके के रहनेवाले बापू नाम के शख्स जो चाय-पान की दुकान चलाते हैं, उनकी नजर अंशुमन पर पड़ी और उन्होंने उसे शरण दी. इसके बाद बापू ने उसे एक कपड़े की दुकान में काम पर रखवा दिया. दो-तीन दिन के बाद कपड़े की दुकान के मैनेजर को शक हुआ कि लड़का मुंबई का नहीं है और घर में बगैर किसी को बताये भाग आया है. दुकानदार ने अंशुमन के इंस्टाग्राम से उसका फोन नंबर लिया और उसके रिश्तेदारों को कॉल और वीडियो कॉल करके संपर्क किया. जिसके बाद परिजनों ने इसकी सूचना तत्काल ब्राह्मणीतरंग पुलिस से साझा की. पुलिस ने तत्काल मुंबई पुलिस को सूचित किया, जिन्होंने बच्चे को थाने लाकर मलाड में रहनेवाले अंशुमन के रिश्तेदारों को सौंप दिया. रिश्तेदारों ने बुधवार सुबह 10.55 बजे मुंबई हवाई अड्डे से इंडिगो की फ्लाइट पकड़ी और दोपहर एक बजे अंशुमन को उसके परिवार को सौंप दिया.
किसी ने मुंबई आने को मजबूर नहीं किया : अंशुमन
अंशुमन ने बताया कि चूंकि वह एक बास्केटबॉल खिलाड़ी है, इसलिए भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआइ) बास्केटबॉल प्रशिक्षण केंद्र का पता जानने के लिए वह मुंबई आया था. मुंबई आने के लिए किसी ने उसे मजबूर नहीं किया, न ही कोई और उसके साथ आया था. अंशुमन के चाचा सुंदरगढ़ जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता डोलगोविंद दास ने राउरकेला जिला पुलिस, मुंबई में दादर पुलिस, मीडिया, सेंट अर्नोल्ड स्कूल के शिक्षकों, छात्रों, रिश्तेदारों और सभी शुभचिंतकों के प्रति आभार जताया, जिन्होंने अंशुमन को खोजने और उसे मुंबई से राउरकेला लाने में मदद की.
राउरकेला आने के बाद लापता हो गया था अंशुमन दाश
गौरतलब है कि ब्राह्मणी तरंग थाना अंचल के बलंडा गांव का निवासी 14 वर्षीय अंशुमन दाश 13 दिन पहले राउरकेला आने के बाद लापता हाे गया था. इसकी शिकायत ब्राह्मणीतरंग थाना में किये जाने के बाद पुलिस छानबीन में जुटी थी. बलंडा निवासी जगन्नाथ मंदिर के पुजारी धीरेन दाश का एकमात्र पुत्र अंशुमान दाश झारतरंग स्थित सेंट अरनोल्ड स्कूल में आठवीं का छात्र है. 5 मार्च की सुबह 6.20 बजे घर में किसी को बताये बिना वह निकल गया था. उसी दिन बलंडा चौक बस स्टैंड से 6.40 बजे हुसैन बस में चढ़कर लगभग 7.30 बजे बिसरा चौक पहुंचा वहां पहुंचकर उसने बस कडंक्टर को पूछा कि राउरकेला नया बस स्टैंड किधर है. यह अंतिम जानकारी परिवार को मिली थी. इसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल रहा था.
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