Rourkela News: अंकुरारोपण व यज्ञ मंडप प्रवेश के साथ रविवार को उदितनगर स्थित नवनिर्मित श्री जगन्नाथ मंदिर के चार दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ हुआ. पुरी से आये 10 पंडितों ने सभी विधियों को पूरा करने के साथ ही पूजा-अर्चना शुरू कर दी है. पहले दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में भाग लिया. नगर विधायक शारदा प्रसाद नायक और उद्योगपति दीप्तिरंजन पटनायक भी पहुंचे और भगवान का आशीर्वाद लिया. सेक्टर-3 अहिराबंध मंदिर से आयी भजन गायकों की टीम ने अजीत कुमार की अगुआई में भक्तिमय वातावरण बनाया. पुरी से आये पंडित सूर्यनारायण दास के नेतृत्व में 10 सदस्यीय पंडितों का समूह पूरे आयोजन का संचालन कर रहा है. मुख्य मार्ग होने के कारण पुलिस की ओर से ट्रैफिक नियंत्रण की पूरी व्यवस्था की गयी है. शाम को भगवान के भजनों पर आकर्षक नृत्य कलाकारों ने प्रस्तुत किये.
चार करोड़ की लागत से तैयार हुआ है मंदिर
उदितनगर स्थित महाप्रभु जगन्नाथ का नया व भव्य मंदिर 89 फीट ऊंचा मंदिर करीब चार करोड़ की लागत से बनाया गया है. इसका निर्माण 10 हजार स्क्वायर फीट में किया गया है. आगामी दिनों में यह मंदिर पश्चिमी ओडिशा के दर्शनीय पर्यटन स्थलों में से एक होगा. उत्कल प्रदेश पश्चिम दिशा में शिल्पनगरी राउरकेला स्थित उदितनगर में श्री पंचदेव कलचरल ट्रस्ट द्वारा संचालित श्री जगन्नाथ मंदिर बहुत पुराना है. महाप्रभु के आशीर्वाद तथा स्थानीय भक्तों के आग्रह से इस पुराने मंदिर के पास में एक नया भव्य मंदिर का निर्माण पूरा हुआ है. नवनिर्मित मंदिर में महाप्रभु चतुर्द्धामूर्ति तथा माता महालक्ष्मी मंदिर, माता विमला मंदिर, श्री राधाकृष्ण मंदिर, श्री सीताराम मंदिर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, श्री पतितपावन मंदिर, श्री गणेश मंदिर का भी निर्माण किया गया है.30 अप्रैल को महाप्रभु मंदिर में करेंगे प्रवेश
30 अप्रैल को पवित्र अक्षय तृतीया तिथि में श्री जगन्नाथ का मंदिर प्रवेश निश्चित किया गया है. इसे लेकर रविवार से चार दिवसीय धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है. उक्त प्रतिष्ठा कार्य श्रीधाम (पुरी) मुक्ति मंडप सभा के सभापति पंडित विश्वनाथ मिश्र (साहित्याचार्य) के द्वारा संपन्न होगा तथा भजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, श्री महाप्रभु का कथामृत प्रवचन इत्यादि अनुष्ठित होंगे. पुरी धाम के महाराज महाप्रभु के प्रथम सेवक श्री श्री दिव्यसिंह देव के करकमलों द्वारा समस्त देवताओं की स्थापना की जायेगी. साथ ही साधु, संन्यासी, महंत एवं श्रीधाम पुरी मंदिर के श्री ठाकुर जी के पुजारी ने इस कार्यक्रम में योगदान देने के लिए सहमति प्रदान की है. आगामी 30 अप्रैल को महाप्रभु जगन्नाथ के प्रथम सेवक श्री श्री दिव्यसिंह देव के कर-कमलों से महाप्रभु जगन्नाथ को सिंहासन पर आरुढ़ किया जायेगा.छह दशक पुराना है मंदिर
1964 में भगवान शिव का मंदिर निर्मित किया गया था तथा 1970 में महावीर अग्रवाल ने श्री जगन्नाथ मंदिर बनवाया था. वर्तमान दीनबंधु दास श्री जगन्नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी है. वे 15 जनवरी 1995 से मंदिर की देखरेख कर रहे हैं. इस समारोह में काशी प्रसाद अग्रवाल की और से पूरे मंदिर में चार दिन के प्राण प्रतिष्ठा में फूलाें की सजावट की गयी है. नये जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कार्य स्नान पूर्णिमा के बाद 2012 में शुरू किया गया था. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पुरी से पंडित आयेंगे और 11 प्रकार के प्रसाद बनाये जायेंगे. चार दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चार दिन तक प्रवचन, पारंपरिक ओड़िशी संगीत, कलश यात्रा व चार दिन यज्ञ होगा. आगामी दिनों में मंदिर परिसर में कुछ कमरों का भी निर्माण होगा. वर्तमान ट्रस्ट में 300 से अधिक ट्रस्टी है और 170 आजीवन सदस्य महाप्रभु जगन्नाथ की सेवा में लगे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है