22.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Rourkela News : हेरा पंचमी पर मां लक्ष्मी ने तोड़ा महाप्रभु का रथ, बाहुड़ा यात्रा की तैयारी शुरू

Rourkela News : महाप्रभु जगन्नाथ के भाई-बहन के साथ मौसीबाड़ी जाने से नाराज मां लक्ष्मी ने हेरा पंचमी पर श्री गुंडिचा मंदिर पहुंच नंदीघोष रथ तोड़ दिया है.

Rourkela News : महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान मौसीबाड़ी में उनका आतिथ्य सत्कार जारी है. मंगलवार की शाम हेरा पंचमी पर मां लक्ष्मी जगन्नाथ मंदिर से पालकी में सवार होकर मौसीबाड़ी पहुंचीं. उन्होंने महाप्रभु के रथ नंदीघोष को तोड़ने की परंपरा का निर्वाह किया. इसके बाद रथ को दक्षिण की ओर मोड़ दिया गया है और बाहुड़ा यात्रा की तैयारी शुरू हो गयी. इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त जुटे थे.

पांच को निकलेगी बाहुड़ा यात्रा

रथयात्रा में भाई-बहन संग मौसीबाड़ी पहुंचने के बाद महाप्रभु जगन्नाथ अलग-अलग वेश में अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. यहां पर मंगलवार की शाम हेरा पंचमी पर अलग-अलग जगन्नाथ मंदिर से मां लक्ष्मी पालकी में सवार होकर मौसीबाड़ी पहुंचीं. जहां पर मां लक्ष्मी ने महाप्रभु का रथ तोड़ा तथा उनका दर्शन करने के बाद यहां से वापस लौट गयीं. इस दौरान सेक्टर-5 गुंडिचा मंदिर, प्लांट साइट, सेक्टर-20 डी ब्लॉक शिव मंदिर और सेक्टर-8 शिव मंदिर स्थित मौसीबाड़ी समेत अन्य मौसी मां मंदिरों में मां लक्ष्मी की ओर से हेरा पंचमी पर महाप्रभु जगन्नाथ का रथ ताेड़ने की परंपरा निभायी गयी. इस अवसर पर यहां विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयाेजन भी किया गया. वहीं आज बुधवार को रथ को दक्षिण मोड़ दिया गया. अब आगामी पांच जुलाई को महाप्रभु की बाहुड़ा रथयात्रा निकाली जायेगी. वहीं छह जुलाई को महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र का सोनावेश होगा. सात जुलाई को अधर पणा तथा आठ जुलाई को निलाद्री बिजे किया जायेगा.

पालकी पर विराजित होकर श्री गुंडिचा मंदिर पहुंचीं मां लक्ष्मी

हेरापंचमी पर गुंडिचापाली स्थित गुंडिचा मंदिर में मंगलवार की शाम मां लक्ष्मी की ओर से महाप्रभु जगन्नाथ का रथ ताेड़ने की परंपरा का निर्वहन किया गया. इस अवसर पर माता लक्ष्मी डीजल कॉलोनी जगन्नाथ मंदिर से पालकी पर विराजित होकर बंडामुंडा डी सेक्टर गुंडिचापाली स्थित मंदिर पहुंचीं. इस दौरान गाजे-बाजे के साथ मां लक्ष्मी की पालकी ए व बी सेक्टर से होकर गुंडिचा मंदिर तक गयी. जहां पर मां लक्ष्मी ने महाप्रभु के रथ का पहिया तोड़ने की परंपरा का निर्वाह किया. जिसके बाद मां लक्ष्मी पालकी पर सवार होकर जगन्नाथ मंदिर वापस लौटीं. हेरापंचमी पर इस परंपरा का निर्वहन करने में मुख्य पुजारी पीतवास शतपथी समेत बड़ पंडा ऋषिकेश शतपथी, कुना मिश्रा, पुस्तका आचार्य, एस प्रहराज, जगदीश शतपथी, प्रदीप कुमार दाश की मुख्य भूमिका रही. जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के सभी सदस्यों की भी सक्रिय योगदान रहा.

महाप्रभु जगन्नाथ ने पद्म वेश में दिया दर्शन

महाप्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा में बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के साथ मौसीबाड़ी पहुंचने के बाद अलग-अलग वेश में भक्तों काे दर्शन दे रहे हैं. उनका दर्शन कर आशीर्वाद लेने के लिए मौसीबाड़ी में भक्तों की भीड़ जुट रही है. इसी कड़ी में बुधवार शाम सेक्टर-5 स्थित गुंडिचा मंदिर मौसीबाड़ी में महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र का पद्म वेश में दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ जुटी. सुबह के समय भी मौसीबाड़ी में महाप्रभु का दर्शन करने के लिए लोग भारी संख्या में पहुंचे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel