Jharsuguda News: झारसुगुड़ा नगरपालिका के वार्ड नंबर-4 स्थित न्यू कॉलोनी में रहने वाले लोग विगत कुछ दिनों से जलजमाव के बीच रहने को विवश हैं. न्यू कॉलोनी में ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं होने से बारिश का पानी जमा है. गत कुछ दिनों से हो रही बरसात से कॉलोनी में पानी भर गया है. लोगों को अपने घरों तक इसी दूषित पानी से हो कर ही आना-जाना पड़ रहा है. यहां अधिकतर लोगों के घरों में पानी भर गया है. जिससे उनका सामान खराब हो गया है और बरसाती पानी के साथ सांप-बिच्छू घरों में घुस रहे हैं.
बारिश के पानी के साथ घरों में घुस रहे सांप-बिच्छु
लोगों ने इस संबंध में नगरपालिका के अधिकारियों से कई मर्तबा शिकायत की हैं. लेकिन नगरपालिका के अधिकारी केवल दौरा कर यहां की स्थिति देखकर चले जाते हैं. पानी निकासी का कोई समाधान नहीं किया है. कॉलोनी निवासी किरण देवी, मंजरी सहित कई अन्य महिलाओं ने कहा कि बरसात होते ही कॉलोनी में पानी भर जाता है और हमारे घरों में घुस जाता है. जिससे हमारे घरों में सांप, बिच्छू, जहरीला कीड़े-मकौड़े घुसते हैं. पानी से घर के राशन सहित अन्य सामान खराब हो गये हैं. वार्ड नंबर-4 के भाजपा अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने कहा कि कॉलोनी वासियों के साथ मैं भी नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी से मिल कर पानी निकासी के लिए ड्रेनेज की व्यवस्था करने का अनुरोध कर थक चुका हूं. मगर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे यहां के लोगों को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है.
लाठीकटा : गंजू मार्केट में जलजमाव से दुकानदार व ग्राहक बेहाल
दक्षिण राउरकेला के गंजू मार्केट में गुरुवार की रात से लेकर शुक्रवार की सुबह तक हुई बारिश का पानी नहीं निकल पाने के कारण जलभराव हो गया है. सड़क तक नाले के पानी में डूब गयी है. इस मार्केट के दोनों ओर दुकानें होने के कारण ग्राहक अपनी मोटरसाइकिल पानी में ही रखकर खरीदारी करते नजर आये. जलभराव से एक स्कूटी भी बहने लगी थी. बंगाल की खाड़ी में निन्म दबाव के कारण गुरुवार की रात अचानक बारिश शुरू हो गयी. जहां भी जगह मिली, लोगों ने वहीं शरण ली. बारिश के बाद सड़क पर घुटनों तक पानी भर गया. पानी की निकासी नहीं होने से कृत्रिम जलभराव हो गया. इसी तरह, गुंडिचा मंदिर के पास नाली जमा हो गयी है और उसका दूषित पानी सड़क पर बह रहा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. लोकनाथ मार्केट में हल्की बारिश में भी सड़क पर पानी भर जाता है, जिससे छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं. अंचल के बुद्धिजीवियों ने प्रशासन से इस समस्या का समाधान करने के लिए कदम उठाने की मांग की है.
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