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Rourkela News: राउरकेला सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों की कमी, पीजी कर रहे 18 डॉक्टर नियुक्ति के बाद से ही दूसरे जिलों में दे रहे सेवा

Rourkela News: राउरकेला सरकारी अस्पताल में नियोजित 18 चिकित्सक पीजी करने के लिए दूसरे जिलों में सेवा दे रहे हैं, जबकि यहां मरीजों को परेशानी हो रही है.

Rourkela News: राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) पर सुंदरगढ़ जिले के अलावा छत्तीसगढ़ और झारखंड के पड़ोसी जिलों के हजारों लोग स्वास्थ्य सेवा के लिए निर्भर हैं. अस्पताल के इनडोर एवं आउटडोर विभाग में प्रतिदिन 1200 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. इसकी तुलना भुवनेश्वर से कैपिटल अस्पताल से की जाती रही है, लेकिन भाजपा की डबल इंजन सरकार में इस अस्पताल को पूरी तरह से नजरअंदाज किये जाने के आरोप लग रहे हैं.

निदेशक और अधीक्षक के पद रिक्त, चिकित्सकों का लगातार हो रहा तबादला

आरोल लग रहे हैं कि सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण यहां स्वास्थ्य सेवाएं दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही हैं. एक के बाद एक डॉक्टरों का तबादला दूसरे स्थानों पर हो रहा है. अस्पताल में निदेशक और अधीक्षक नहीं हैं. वरिष्ठ डॉक्टर निदेशक और अधीक्षक की जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं. यहां दो अस्पताल प्रबंधकों की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान केवल एक ही हैं. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि डॉक्टर आरजीएच से वेतन ले रहे हैं, लेकिन राज्य के अन्य सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे हैं. यहां के 18 डॉक्टर नियुक्ति मिलने के बाद पीजी करने के लिए जिले के अन्य अस्पतालों में गये हैं तथा वहां पर ही काम कर रहे हैं. जबकि वे डॉक्टर आरजीएच से ही वेतन उठा रहे हैं. लेकिन इसका लाभ शहर की आम जनता को नहीं मिल पा रहा है. इसी तरह गत 19 जून को आरजीएच से दो और बाल रोग विशेषज्ञों का तबादला गंजाम और पुरी किया गया है. डॉ रश्मिरंजन बेहरा को पुरी और डॉ प्रशांत पात्रा को गंजाम स्थानांतरित किया गया है. एक के बाद एक डॉक्टर का आरजीएच से तबादला हो रहा है, लेकिन नयी नियुक्ति नहीं हो रही है.

138 डॉक्टरों की जरूरत, केवल 70 कार्यरत

400 बेड वाले राउरकेला सरकारी अस्पताल में 138 डॉक्टरों की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 70 ही कार्यरत हैं. कार्यरत 70 डॉक्टरों में से 13 की नियुक्ति जिला खनिज निधि (डीएमएफ) से की गयी है. जिसमें एनेस्थीसिया में तीन, इएनटी में एक, बाल रोग में दो, सर्जरी में एक, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में एक, तीन मेडिकल ऑफिसर, एक दंत चिकित्सक और राउरकेला ब्लड बैंक में एक डॉक्टर की नियुक्ति डीएमएफ से की गयी है.

1100 करोड़ की लागत से आरजीएच की रुपरेखा बदलने की योजना में कोई प्रगति नहीं

इसी बीच करीब 1100 करोड़ रुपये की लागत से आरजीएच की रूपरेखा बदलने का सपना दिखाया जा रहा है. भविष्य में आरजीएच को 1400 बेड का अस्पताल बनाने का लक्ष्य है. बालूघाट विद्युत कॉलोनी के पास 50 एकड़ सरकारी जमीन पर आरजीएच का दूसरा कैंपस बनाने का प्रस्ताव है. लेकिन इस याेजना में कोई प्रगति नजर नहीं आ रही है.

तकनीशियनों की कमी, दो करोड़ रुपये के उपकरण हो रहे बर्बाद

राउरकेला सरकारी अस्पताल में तकनीशियनों की कमी के कारण केंद्रीय प्रयोगशाला में करीब दो करोड़ रुपये के उपकरण बर्बाद हो रहे हैं. रघुनाथपाली विधायक दुर्गा चरण तांती के मामले में हस्तक्षेप करने के बाद भी भाजपा की डबल इंजन सरकार की नींद नहीं खुली है, जिस कारण नतीजा शून्य है.

विधायक ने सौतेले बर्ताव का आरोप लगाया, कांग्रेस ने राज्य सरकार को बताया असंवेदनशील

राउरकेला विधायक शारदा प्रसाद नायक ने कहा कि भाजपा सरकार राउरकेला के प्रति सौतेला रवैया अपना रही है. पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने आरजीएच की स्थिति देखी थी. लेकिन समस्याओं का आज तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. आरजीएच का विकास पिछली सरकार में हुआ था. भाजपा सरकार आने के बाद सब कुछ खराब हो गया है. मैं स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान इस ओर जरूर आकर्षित कराऊंगा. वहीं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रवि राय ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार आरजीएच में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने को लेकर कतई संवेदनशील नहीं है. इसके खिलाफ हम अतिरिक्त जिलापाल के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. जरूरत पड़ी तो स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात करेंगे.

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