Bhubaneswar News: पुरी के श्री गुंडिचा मंदिर में सोमवार को हजारों श्रद्धालु भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए उमड़ पड़े. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार की घटना के मद्देनजर श्री गुंडिचा मंदिर के सामने अवरोधक लगा दिये गये हैं और मंदिर के अंदर स्थित आडप मंडप (वह मंच जहां देवता बैठते हैं) में देवताओं के सुचारू दर्शन के लिए अलग-अलग कतारें बनायी गयी हैं.
20 दिनों के बाद पका हुआ प्रसाद देवताओं को किया गया अर्पित
मंदिर प्रशासन ने बताया कि श्री गुंडिचा मंदिर में देवताओं के प्रवेश के बाद कई निर्धारित अनुष्ठानों के कारण सोमवार रात को पाहुड़ा (देवताओं के विश्राम के लिए मंदिर के द्वार बंद करना) नहीं किया गया. मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार सुबह सात बजकर 40 मिनट पर मंगल आरती की गयी और हजारों श्रद्धालुओं ने बिना किसी परेशानी के इस अनुष्ठान में भाग लिया. उन्होंने बताया कि भगवान को लगभग 20 दिनों के बाद चूल्हे की आग में पका प्रसाद अर्पित किया गया. श्री गुंडिचा मंदिर में देवताओं को अर्पित किये जाने वाले पके हुए भोजन को ‘आडप मंडप प्रसाद’ कहा जाता है.
हम सतर्क, सबकुछ सुचारू रूप से चल रहा : सौमेंद्र प्रियदर्शी
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) स्तर के भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) अधिकारी सौमेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि हम सतर्क हैं, भगवान की कृपा से सब कुछ सुचारू रूप से हो रहा है. श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के श्री गुंडिचा मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं. सौमेंद्र प्रियदर्शी को रथ यात्रा के दौरान पुलिस व्यवस्था की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. भगदड़ की घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने उन्हें यह कार्य सौंपा था. श्रद्धालुओं का मानना है कि यदि आडप मंडप पर विराजमान भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से उनके पाप धुल जाते हैं. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के दरवाजे रात नौ बजे से देर रात 2:00 बजे तक बंद रहेंगे, जिस दौरान बनकालागी नामक अनुष्ठान किया जायेगा. बनकालागी एक अनुष्ठान है, जिसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके चेहरे की सजावट की जाती है. इसे ‘श्रीमुख सिंगार नीति’ भी कहा जाता है.रविवार को हुई भगदड़ में तीन लोगों की हो गयी थी मौत
अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के निकट रविवार तड़के रथ यात्रा उत्सव से संबंधित समारोह के दौरान मची भगदड़ में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी और लगभग 50 अन्य घायल हो गये. उन्होंने बताया कि यह घटना रविवार तड़के लगभग चार बजकर 20 मिनट पर हुई जब हजारों श्रद्धालु रथ यात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के निकट एकत्र हुए थे. माझी ने भगवान जगन्नाथ के भक्तों से माफी मांगी है और लोगों का भरोसा बहाल करने तथा रथ यात्रा के शेष अनुष्ठानों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल किया है. इस बीच, पुरी के नवनियुक्त जिलाधिकारी चंचल राणा और पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा ने कार्यभार संभाल लिया है और वे रथ यात्रा महोत्सव की व्यवस्थाओं की देखरेख कर रहे हैं. रथ यात्रा महोत्सव 27 जून से शुरू हुआ है और आठ जुलाई तक जारी रहेगा.राउरकेला : माैसीबाड़ी में महाप्रभु जगन्नाथ ने वराह वेश में दिया दर्शन
महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के साथ इन दिनों माैसीबाड़ी में हैं. यहां इनका खूब सत्कार हो रहा है. यहां महाप्रभु अलग-अलग वेश में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. इनके दर्शन के लिए प्रतिदिन लाेगों की भीड़ जुट रही है. सोमवार की शाम महाप्रभु का वराह वेश देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी. सेक्टर-5 स्थित गुंडिचा मंदिर मौसीबाड़ी में भक्तों ने वराह वेश का दर्शन किया. इसके अलावा कोयलनगर सी ब्लाॅक गुंडिचा मंदिर मौसीबाड़ी में भी बराह वेश का दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ जुटी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है