Bhubaneswar News: बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में विमानों के सुरक्षित उड़ान संचालन को लेकर गंभीर चिंताएं सामने आयी हैं. एयरपोर्ट के आस-पास अवैध ऊंची इमारतों और उड़ान पथ के करीब उग आये विशाल पेड़ों की मौजूदगी से सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हो रहा है, जिससे उड़ान और लैंडिंग दोनों के दौरान विमान सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है.
एयरफील्ड एन्वायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में उठा था मुद्दा
हवाई अड्डा के निदेशक प्रसन्ना प्रधान ने शनिवार को कहा कि हमने हाल ही में एक सर्वेक्षण किया, जिसमें पाया गया कि कुछ पेड़ बहुत ऊंचे हो गये हैं और कई अवैध निर्माण भी चिह्नित किये गये हैं. यह मुद्दा एयरफील्ड एन्वायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में उठाया गया था और उम्मीद है कि संबंधित एजेंसियां जल्द कार्रवाई करेंगी. यह मामला पिछले महीने भुवनेश्वर नगर निगम आयुक्त की अध्यक्षता में हुई एयरफील्ड एन्वायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में सामने आया. बैठक में भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण, वन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. एक संयुक्त सर्वेक्षण के माध्यम से पेड़ों और अनधिकृत संरचनाओं की पहचान की गयी, जो विमानन सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं हैं. एयरपोर्ट प्राधिकरण प्रत्येक तीन वर्षों में इस तरह का सर्वेक्षण कर संभावित बाधाओं की पहचान करता है, ताकि विमान संचालन को सुरक्षित बनाया जा सके. प्रधान ने बताया कि टेक-ऑफ और लैंडिंग पथ में आने वाली बाधाओं की ऊंचाई को मापा जाता है और रिपोर्ट संबंधित विभागों को भेजी जाती है. इस बार के सर्वे में यह स्पष्ट हुआ कि हवाई अड्डा सुरक्षा क्षेत्र के भीतर कई ऊंची इमारतें बिना आवश्यक अनुमति के बनायी गयी हैं, जो डीजीसीए के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.
भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर फुल-स्केल मॉक ड्रिल 30 को
बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 30 जून को एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित करेगा, जिसका उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में हवाई अड्डे की तत्परता और प्रतिक्रिया तंत्र की जांच करना है. यह अभ्यास नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के निर्देश पर किया जा रहा है, जिसमें हाल ही में हुई एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद देशभर के सभी हवाई अड्डों को ऐसे फुल-स्केल रिहर्सल करने के लिए कहा गया है. बढ़ते हवाई यातायात और हालिया घटनाओं के चलते सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बीच डीजीसीए की यह पहल एक सक्रिय कदम माना जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपातकालीन स्थितियों में हवाई अड्डा बिना किसी अव्यवस्था के प्रभावी ढंग से काम कर सकें. इस अभ्यास में नागरिक उड्डयन विभाग, स्थानीय पुलिस, चिकित्सा दल, अग्निशमन सेवा और अन्य संबंधित एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी रहेगी. यह मॉक ड्रिल एक वास्तविक विमान आपातकालीन स्थिति का अनुकरण करेगी, ताकि किसी भी वास्तविक संकट के समय हवाई अड्डे की प्रतिक्रिया प्रणाली, समन्वय और संचार व्यवस्था का मूल्यांकन किया जा सके. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य है आपात प्रबंधन में किसी भी तरह की खामियों की पहचान करना और मौजूदा प्रोटोकॉल को और बेहतर बनाना, ताकि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से तेजी और कुशलता से निबटा जा सके.
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