Bhubaneswar News: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को पत्र लिखकर संबलपुर के चिपिलिमा में चार कृषि-संबंधित कॉलेजों की स्थापना के लिए प्रस्ताव दिया है. उन्होंने पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, दुग्ध प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, मत्स्य महाविद्यालय और कृषि-व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय बनाने का अनुरोध किया है.
संबलपुर क्षेत्र में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में अपार संभावनाएं
श्री प्रधान ने पत्र में उल्लेख किया है कि संबलपुर क्षेत्र में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं. संबलपुर की अंतर्निहित कृषि विविधता और संभावनाओं के बावजूद हम अभी तक उस अनुरूप क्षेत्रीय विकास हासिल नहीं कर पाये हैं. ऐसे में इस क्षेत्र में दीर्घकालिक, समावेशी और ज्ञान-आधारित विकास के लिए कृषि केंद्रित संस्थानों की स्थापना एक प्राथमिक आवश्यकता है. इसीलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि चिपिलिमा में चारों कॉलेजों की स्थापना की जाये. उन्होंने विस्तार से बताया कि सर्वप्रथम पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय की स्थापना जरूरी है, जो प्रशिक्षित पशु चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करेगा. यह पशु स्वास्थ्य में सुधार, पशु उत्पादन में वृद्धि और जूनोटिक बीमारियों से जनस्वास्थ्य की रक्षा में योगदान देगा. दूसरे चरण में दुग्ध प्रौद्योगिकी महाविद्यालय स्थापित किया जाना चाहिए, जो दुग्ध उद्योग को प्राथमिकता देगा और दक्ष मानव संसाधन तैयार करेगा. साथ ही, दुग्ध प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा और गुणवत्ता व कार्यकुशलता को बढ़ायेगा, जिससे इस क्षेत्र का आर्थिक विकास संभव होगा.
मत्स्य महाविद्यालय से नयी आजीविका के अवसर पैदा होंगे
श्री प्रधान ने पत्र में उल्लेख किया है कि तीसरे चरण में मत्स्य महाविद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए, क्योंकि यह आज के सबसे तेजी से बढ़ते कृषि-संबंधित उपक्षेत्रों में से एक है. मत्स्य पालन के लिए केंद्रित शैक्षणिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है. यह कॉलेज जल कृषि, मत्स्य पालन प्रबंधन और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी में क्षमता निर्माण करेगा और नयी आजीविका के अवसर पैदा करेगा. चौथा कॉलेज होगा कृषि-व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, जो कृषि को धीरे-धीरे बाजारोन्मुख बनायेगा, साथ ही आपूर्ति श्रृंखला, विपणन, और खाद्य प्रसंस्करण में विशेषज्ञता रखने वाले पेशेवरों की जरूरत को पूरा करेगा. इससे युवा पीढ़ी को कृषि मूल्य श्रृंखला में नेतृत्व और नवाचार में सशक्त किया जा सकेगा. श्री प्रधान ने यह भी कहा कि चिपिलिमा में पहले से ही ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ओयूएटी) के पास पर्याप्त जमीन, शैक्षणिक और अनुसंधान आधारभूत संरचना और सहायक सुविधाएं मौजूद हैं. इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के पास भी अप्रयुक्त भूमि है, जिसे इन उद्देश्यों के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है. इसलिए इन संस्थानों की स्थापना चिपिलिमा में की जा सकती है.युवाओं में व्यावसायिक और उद्यमिता क्षमता विकसित होगी
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि इन कॉलेजों की स्थापना से स्थानीय युवाओं में न केवल व्यावसायिक और उद्यमिता क्षमता विकसित होगी, बल्कि किसानों के लिए क्षेत्र-विशिष्ट अनुसंधान और विस्तार सेवाएं भी सुनिश्चित होंगी. यह कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ बाजार से जोड़ने और मूल्यवर्धन को भी प्रोत्साहित करेगा. इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और ग्रामीण समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए श्री प्रधान ने मुख्यमंत्री माझी से इन प्रस्तावों को स्वीकृति देने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप की अपील की है. उनका मानना है कि इन संस्थानों की स्थापना से संबलपुर क्षेत्र और संपूर्ण राज्य का समग्र आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सकेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है