Rourkela News: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) राउरकेला ने वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग, ओडिशा सरकार (राउरकेला डिवीजन) के सहयोग से अपने परिसर में वन महोत्सव-2025 समारोह का उद्घाटन किया. एक से सात जुलाई तक ‘एक पेड़ मां के नाम’ थीम पर आयोजित महोत्सव के दौरान पर्यावरणीय जिम्मेदारी और पौधरोपण के माध्यम से धरती माता का सम्मान करने पर जोर दिया जायेगा.
एनआइटी अपनी हरियाली को और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध
उद्घाटन समारोह में राउरकेला विधायक शारदा प्रसाद नायक, रघुनाथपाली विधायक दुर्गा चरण तांती और एनआइटी राउरकेला के निदेशक प्रोफेसर के उमामहेश्वर राव ने पौधरोपण किया. केंद्रीय विद्यालय, एनआइटी राउरकेला की प्रिंसिपल नीरजा राव, एनआइटी राउरकेला के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रोहन धीमान, यशोवंत सेठी (डीएफओ, राउरकेला), एनआइटी राउरकेला के डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय और कर्मचारी तथा केंद्रीय विद्यालय और आरइसी कैंपस स्कूल के शिक्षकों ने कार्यक्रम में भाग लिया. दोनों विद्यालयों के विद्यार्थियों ने पौधरोपण अभियान में उत्साहपूर्वक भागीदारी की. अपने स्वागत भाषण में यशोवंत सेठी, डीएफओ राउरकेला ने निरंतर वनीकरण प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला और इस पहल में एनआइटीआर के सक्रिय समर्थन को स्वीकार किया. प्रो रोहन धीमान ने कहा कि लगभग 50-60 फीसदी हरित आवरण के साथ, एनआइटी राउरकेला ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत अपनी हरियाली को और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य ने संतोष व्यक्त किया कि बच्चे ऐसे महान अभियान में शामिल थे, जो पर्यावरण संरक्षण के बारे में प्रारंभिक जागरूकता को बढ़ावा देता है.
पेड़ लगाना हमारे अस्तित्व में निवेश है : प्रो राव
निदेशक प्रो के उमामहेश्वर राव ने जोर देकर कहा कि पेड़ लगाना केवल पर्यावरणवाद का कार्य नहीं है, बल्कि हमारे अपने अस्तित्व में निवेश है. यदि हम एक पेड़ काटते हैं, तो हमें कम से कम 10 पेड़ लगाने चाहिए और उनकी देखभाल करनी चाहिए. विधायक दुर्गा चरण तांती ने वन विभाग और एनआइटी राउरकेला के प्रयासों की सराहना की और धरती माता को श्रद्धांजलि के रूप में ‘एक पेड़ मां के नाम’ थीम के पीछे के संदेश की सराहना की. विधायक शारदा प्रसाद नायक ने राउरकेला के नियोजित हरित आवरण और वार्षिक वन विभाग के बजट के माध्यम से वनीकरण का समर्थन करने की प्रतिबद्धता की सराहना की, खासकर शहरी क्षेत्रों में. औपचारिक समारोह के बाद, गणमान्य व्यक्तियों, संकाय, कर्मचारियों और स्कूली बच्चों ने प्रतीकात्मक पौधरोपण अभियान में भाग लिया. सप्ताह भर चलने वाले इस उत्सव का उद्देश्य 12,000 से अधिक पौधे लगाना है, जो संस्थान के हरित आवरण में महत्वपूर्ण योगदान देगा और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का एक उदाहरण स्थापित करेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है