Rourkela News: सड़क की मांग को लेकर एक बार फिर खदान क्षेत्र में लोग सड़क पर उतरे हैं. दमालु से ओएमसी सड़क को ग्रामीणों ने अवरुद्ध कर दिया है, जिससे पिछले तीन दिनों से लौह अयस्क का परिवहन ठप हो गया है. खबर लिखे जाने तक सड़क के दोनों तरफ सैकड़ों वाहन खड़े थे. पुलिस प्रशासन और लहुणीपाड़ा प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर सड़क जाम कर रहे ग्रामीणों से बात की, लेकिन धरना जारी है. अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण अड़े हैं.
लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में सरकार विफल
गौरतलब है कि खदान क्षेत्र में लौह अयस्क सहित अन्य खनिजों का खनन कर करोड़ों रुपये का राजस्व संग्रह किया जाता है. लेकिन जब नागरिक सुविधाओं की बात आती है, तो लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में सरकार विफल हो जाती है. बार-बार शिकायत करने के बावजूद इलाके की समस्याओं के समाधान के बारे में हुक्मरान कुछ सुनते नहीं. लिहाजा लोग बगैर सुविधाओं के परेशानी झेलने को विवश हैं. सुंदरगढ़ जिले के लहुणीपाड़ा ब्लॉक के भुतुड़ा पंचायत के बट गांव, केमशाला, रायसुवान और पालकुदर गांवों की कहानी ऐसी ही सरकारी विफलताओं की दास्तां बयां करती है. ये वे गांव हैं जहां पीने के पानी, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा हमेशा से नहीं रही है.पक्की सड़क नहीं, गांव तक नहीं पहुंचती एंबुलेंस
आजादी के 78 साल बाद भी गांव तक पक्की सड़क नहीं है. सवाल यह है कि इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहकर केवल पल्ला झाड़ा जाये या प्रशासनिक लापरवाही पर ठोस कार्रवाई की जाये. बरसात के दिनों में यहां स्थिति और खराब हो जाती है. दूसरी ओर, यदि कोई व्यक्ति आधी रात को अस्वस्थ हो जाये, तो एंबुलेंस का पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप असमय मौत का खतरा मंडराता रहता है. सड़क की समस्या के समाधान के लिए लोग लहुणीपाड़ा प्रखंड कार्यालय आकर शिकायतें करते हैं. कई बार जिलापाल को लिखित शिकायत कर चुके हैं. लेकिन प्रशासन उनकी मांगों पर विचार नहीं कर रहा है. स्थायी समाधान के बजाय केवल वादे और आश्वासन ही मिलते हैं. परिणामस्वरूप, ग्रामीणों को तीन दिनों के लिए दमालु से ओएमसी सड़क को अवरुद्ध करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे अयस्क का परिवहन रुक गया. समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों का आंदोलन जारी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है